Swachh Bharat Abhiyan: नेचर मैगज़ीन के नए शोध में सामने आई चौंकाने वाली बातें
Swachh Bharat Abhiyan: Surprising Findings from Nature Magazine Report
हाल ही में प्रकाशित नेचर मैगज़ीन की रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छ भारत अभियान (SBM) ने भारत में खुले में शौच की प्रथा को समाप्त कर हर साल लगभग 60,000 से 70,000 शिशुओं की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, शौचालय कवरेज में भारी वृद्धि हुई और खुले में शौच की समस्या का समापन हुआ। पाइप्ड पानी की आपूर्ति 16% से बढ़कर 78% हो गई और 11 करोड़ से अधिक घरों को स्वच्छ खाना पकाने के गैस कनेक्शन मिले, जिससे सामाजिक और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ।
स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य बिंदु:
- शौचालय निर्माण और स्वच्छता: स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों शौचालयों का निर्माण हुआ, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जिससे खुले में शौच की समस्या समाप्त हुई और स्वच्छता को बढ़ावा मिला।
- कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण: इस पहल के तहत नगर पालिकाओं और अन्य संस्थाओं को कचरे के बेहतर प्रबंधन और पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आई।
- सामुदायिक भागीदारी: स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का श्रेय इसकी सामुदायिक भागीदारी को जाता है। स्कूल, कॉलेज, एनजीओ और सरकारी विभागों ने सफाई अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव:
स्वच्छ भारत मिशन के कारण, शिशु मृत्यु दर (IMR) में 2015 से 2020 के बीच तीन गुना तेजी से गिरावट आई है। शौचालय कवरेज में सुधार ने मातृ स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं की पहुंच में वृद्धि की। इसके अलावा, कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक प्रतिबंध ने नदियों और जलाशयों को साफ रखने में मदद की है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। साथ ही, मलेरिया, डेंगू और डायरिया जैसी बीमारियों में भी कमी देखी गई है।
चुनौतियाँ और निष्कर्ष:
स्वच्छ भारत अभियान ने सफाई के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन कचरे के सही निपटान और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसे व्यवहार में लाना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यह अभियान भारत की स्वच्छता, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधार का प्रतीक बन चुका है और इसे सफल बनाने के लिए सरकार, संस्थाएं, और आम जनता का सहयोग आवश्यक है।
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