ब्राजील का समर्थन: भारत को United Nations में स्थाई सदस्यता मिले
Brazil Backs India for United Nations Membership: PM Modi in Rio
ब्राजील ने किया भारत का समर्थन: संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को मिले स्थाई सदस्यता
रियो डी जेनेरो, ब्राजील:
भारत और ब्राजील के बीच संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने खुलकर भारत का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को स्थाई सदस्यता दिलाने की वकालत की है। यह बयान तब आया जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 सम्मेलन के उपरांत ब्राजील का दौरा किया।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने की बड़ी मांग
रियो में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान, राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा कि भारत जैसे बड़े और उभरते देश को वैश्विक मंच पर अधिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने United Nations में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई सदस्यता दिए जाने की मांग की। लूला ने कहा, “भारत का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव इस बात का प्रमाण है कि उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।”
PM मोदी पहुंचे रियो
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह भारत और ब्राजील के रिश्तों को और मजबूत करेगा। पीएम मोदी ने ब्राजील को G20 की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और वैश्विक मुद्दों पर ब्राजील के दृष्टिकोण की प्रशंसा की।
G20 सम्मेलन और भारत की भूमिका
हाल ही में भारत ने G20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कई वैश्विक मुद्दों पर प्रभावशाली भूमिका निभाई। ब्राजील ने भारत के इस नेतृत्व की तारीफ की और यह स्पष्ट किया कि वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नई दिशा मिल सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता: क्यों है ज़रूरी?
- भारत का वैश्विक प्रभाव: भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और लगभग 140 करोड़ की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
- ग्लोबल साउथ की आवाज: भारत ने हमेशा विकासशील देशों के हितों की बात की है।
- परमाणु शक्ति संपन्न देश: भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है और क्षेत्रीय स्थिरता में अहम भूमिका निभाता है।
ब्राजील द्वारा भारत के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को स्थाई सदस्यता मिलने की संभावना को बल मिला है। यह कदम भारत की वैश्विक भूमिका को मान्यता देगा और विश्व मंच पर शक्ति संतुलन में बदलाव लाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देश इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।
भारत और ब्राजील के इस साझेदारी ने वैश्विक राजनीति में एक नई उम्मीद जगाई है।