विकास कार्यों में देरी पर भड़के पार्षद, नगर निगम ने 50 लाख रुपये तक के प्रस्ताव किए स्वीकृत
विकास कार्यों में देरी पर भड़के पार्षद, नगर निगम ने 50 लाख रुपये तक के कार्यों को दी स्वीकृति

लखनऊ, 21 मई 2025 – नगर निगम लखनऊ में विकास कार्यों में हो रही देरी को लेकर पार्षदों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। महापौर सुषमा खर्कवाल द्वारा 1 करोड़ रुपये तक की वार्ड विकास संस्तुति निधि जारी करने के निर्देश के बावजूद जब राशि स्वीकृत नहीं हुई, तो नाराज़ पार्षदों ने नगर आयुक्त गौरव कुमार को पत्र लिखकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
बढ़ते दबाव के बीच अब नगर निगम प्रशासन हरकत में आया है और प्रत्येक वार्ड के लिए 50 लाख रुपये तक के विकास प्रस्ताव स्वीकृत करने का आदेश जारी किया है।

निधि में कटौती से नाराज़ हुए पार्षद
महापौर द्वारा 9 मई को वार्ड विकास के लिए सभी पार्षदों को 1 करोड़ तक की निधि देने की घोषणा की गई थी। लेकिन नगर आयुक्त द्वारा 20 मई को जारी आदेश में यह राशि घटाकर 50 लाख रुपये कर दी गई, जिससे पार्षदों के बीच असंतोष और चर्चा तेज हो गई।

पार्षदों ने किया विरोध, लिखा पत्र
पार्षदों मुन्ना मिश्रा, राजेश सिंह गब्बर, शैलेंद्र वर्मा, मुकेश सिंह ‘मोंटी’, प्रमोद सिंह राजन, मानसिंह यादव, संध्या मिश्रा, रीता राय, राघव राम तिवारी, राजकुमारी मौर्य, और हरीश अवस्थी ने महापौर को लिखे पत्र में कहा कि जनहित के कार्य ठप पड़े हैं, जिससे आमजन में नाराज़गी बढ़ रही है। पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्य शुरू नहीं हुए, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
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क्या है नए आदेश में?
नगर निगम द्वारा जारी पत्र के अनुसार:
- प्रत्येक वार्ड से ₹50 लाख तक के कार्यों का प्रस्ताव मांगा गया है।
- अभियंताओं को पार्षदों से समन्वय कर प्राथमिकता वाले कार्यों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
- हर प्रस्ताव के साथ स्थल की फोटो, जीपीएस लोकेशन (Longitude/Latitude) और पूर्ण कार्य योजना संलग्न करना अनिवार्य किया गया है।
आगे की राह
हालांकि नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद पार्षदों में आंशिक संतोष है, लेकिन जनता और प्रतिनिधियों की निगाहें अब इस बात पर हैं कि ये प्रस्ताव कब धरातल पर उतरेंगे। समय पर कार्य प्रारंभ न होने की स्थिति में यह मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ सकता है।