ग़ज़ा युद्ध 2025: नेतन्याहू ने युद्ध खत्म करने की शर्तें रखीं, अस्थायी संघर्षविराम को तैयार
ब्रेकिंग न्यूज़: ग़ज़ा युद्ध खत्म करने की Netanyahu की शर्तें स्पष्ट, अस्थायी संघर्षविराम को तैयार

यरुशलम, 21 मई – इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग़ज़ा युद्ध को समाप्त करने की अपनी रणनीति और शर्तों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जब तक हमास को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर दिया जाता और ग़ज़ा पट्टी इज़रायली सैन्य नियंत्रण में नहीं आ जाती, तब तक युद्ध जारी रहेगा। हालांकि, उन्होंने अस्थायी संघर्षविराम के संकेत भी दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव में थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
हमास के निरस्त्रीकरण तक युद्ध जारी रहेगा
नेतन्याहू ने एक घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारा लक्ष्य साफ है – हमास को पूरी तरह से समाप्त करना और ग़ज़ा को इज़रायली नियंत्रण में लाना। जब तक ये दोनों शर्तें पूरी नहीं होतीं, तब तक कोई स्थायी युद्धविराम नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने ग़ज़ा में रणनीतिक रूप से आगे बढ़ते हुए आतंकवादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है।
मोहम्मद सिनवार की हत्या का दावा
नेतन्याहू ने यह भी दावा किया कि इज़राइल की एक एयर स्ट्राइक में इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी ग़ज़ा के एक अस्पताल को निशाना बनाया गया था, जहां संभवतः हमास का शीर्ष नेता मोहम्मद सिनवार मौजूद था। नेतन्याहू ने कहा, “हम मानते हैं कि मोहम्मद सिनवार को खत्म कर दिया गया है, हालांकि अंतिम पुष्टि बाकी है।”
अस्थायी संघर्षविराम पर खुलापन
हालांकि नेतन्याहू का रुख काफी सख्त रहा, उन्होंने पहली बार अस्थायी संघर्षविराम के लिए तैयार होने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि यदि हमास कुछ समय के लिए लड़ाई रोकने पर सहमत होता है और बंधकों की रिहाई होती है, तो इज़राइल एक सीमित संघर्षविराम पर विचार कर सकता है।
ट्रंप की पुनर्वास योजना को समर्थन
नेतन्याहू ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना” को भी युद्ध समाप्त करने की एक शर्त बताया। उन्होंने कहा, “ग़ज़ा के भविष्य के लिए ट्रंप की योजना एक व्यवहारिक रास्ता है, जो इस क्षेत्र में स्थायी शांति ला सकती है।”
ट्रंप की योजना के तहत ग़ज़ा के निवासियों को अन्य देशों में पुनर्वासित करने का विकल्प शामिल है, जिसे फिलहाल कई मानवाधिकार संगठनों द्वारा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और कई अरब देशों ने नेतन्याहू के बयान पर चिंता जताई है। अरब लीग ने कहा कि ग़ज़ा पर इज़राइली सैन्य नियंत्रण “मानवाधिकारों का उल्लंघन” है। वहीं अमेरिका ने कहा कि वह “बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता के रास्ते खुलवाने के प्रयास” का समर्थन करता है।
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मानवीय संकट गहराता जा रहा
ग़ज़ा में मानवीय स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है और लाखों लोग भोजन, पानी और आश्रय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इज़राइली हमलों और हमास के पलटवारों में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।
नेतन्याहू की रणनीति की आलोचना
नेतन्याहू के आलोचकों का कहना है कि यह रणनीति सिर्फ हिंसा को और बढ़ाएगी। इज़राइल के भीतर भी युद्धविराम के पक्ष में आंदोलन तेज़ हो गए हैं। कई परिवार बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं और सरकार की नीति पर सवाल उठा रहे हैं।
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