Up Nagar Nikay Chunav 2022 : ओबीसी आरक्षण मामले में याचिकाओं पर सुनवाई आज!
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव (Up Nagar Nikay Chunav) में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में अंतिम सुनवाई जारी है। बुधवार को जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। लेकिन समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी ।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आज के लिए नियत की है। इसके साथ ही अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी आज तक के लिए बढ़ा दी है। प्रदेश सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है। इस पर याचियों के वकीलों ने प्रति उत्तर भी दाखिल कर दिए हैं। हालांकि समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर दिया। बुधवार अपराह्न 2: 45 बजे से शुरू हुई बहस के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है। इसका सामाजिक, आर्थिक अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना देना नहीं है।
ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है। बीते मंगलवार को भी मामले की सुनवाई के समय राज्य सरकार का कहना था कि मांगे गए सारे जवाब, प्रति शपथपत्र में दाखिल कर दिए गए हैं। इस पर याचियों के वकीलों ने आपत्ति करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की जिसे कोर्ट ने नहीं माना।
उधर राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। कहा है कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।