स्कूलों की जबरदस्ती के खिलाफ अभिभावकों का आक्रोश फूटा || Soochna India

बिना वैक्सीनेशन के प्राइमरी और जूनियर बच्चों को स्कूल आने कि बाध्यता क्यों ?
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री माननीय दिनेश शर्मा के बयान (कोई भी स्कूल बच्चों को स्कूल आने के लिए फ़ोर्स नहीं कर सकता) के वावजूद लखनऊ के तमाम प्रतिष्ठित स्कूल प्राइमरी और जूनियर सेक्शन के बच्चों और उनके अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए फ़ोर्स कर रहे हैं, यहाँ तक कि छोटे छोटे बच्चों को फेल करने और नाम काट देने की धमकी दे रहे हैं।
पहले स्कूलों ने अभिभावकों से Consent की मांग की जिसमें तमाम अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए (प्रधानमंत्री मोदी के कथनानुसार “जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं” और “घर पर रहें, सुरक्छित रहे” ) असहमती जताई।

जब स्कूलों के द्वारा Consent की मांग की गई तो होना तो यह चाहिए था की जो भी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं उनके लिए यथावत ऑनलाइन क्लास और ऑनलाइन एग्जाम की व्यवस्था बनी रहती, परन्तु इसके उलट तमाम बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों ने अपने घमंड में चूर होकर पहले ऑनलाइन क्लास को बंद कर दिया, फिर पिछले यूनिट टेस्ट के 3 से 4 पेपर को भी ऑफलाइन मोड में कर दिया, जिससे कुछ अभिभावकों ने मजबूर होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज दिया जबकि तमाम बच्चों के परीक्षा छूट गई और ऐसा तब हो रहा है जब उत्तरप्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा के अनुसार स्कूल बच्चों को स्कूल आने के लिए फ़ोर्स नहीं कर सकते।
वहीँ दूसरी तरफ अभी स्कूल खुले कुछ ही दिन हुए हैं और स्कूलों और बच्चों में इसके दुष्परिणाम समाचार पत्रों और मीडिया चैनलों में आने सुरु हो गए हैं
शिक्षक दिवस के ठीक एक दिन पहले एक बार फिर स्कूलों ने अपने दबाव को बढ़ाते हुए ऑफलाइन एग्जाम की स्कीम जारी कर दी है और स्पस्ट निर्देश दिया है की यदि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो रीटेस्ट नहीं लिए जायँगे और बच्चों को फेल कर दिया जायेगा।

सूचना इंडिया से बात करते हुए कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर हमें बताया कि यह सब कुछ सरकार और स्कूलों के मिलीभगत से हो रहा है और ये दोनों लोग जहाँ टीचर और स्टाफ के लिए 100% वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है वहीँ बच्चों को विना किसी दवा, वैक्सीन के स्कूल आने के लिए मजबूर कर बच्चों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। और भारत सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार, शिक्षा मंत्री सब मूकदर्शक बन स्कूलों को मनमानी करने कि छूट दे रखें हैं जबकि भारतवर्ष के जाने माने डॉक्टर डा0 त्रेहन का एक वीडियो वॉयरल हो रहा है जिसमें वो साफ साफ़ कहते दिख रहे हैं कि टीका आने तक बच्चों को स्कूल न भेजा जाये…
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए CMS स्कूल के अभिभवाकों ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि बहुत जल्द एक बड़ी संख्या में अभिभवाकों का दल CMS स्कूल प्रसाशन से मिल कर उन सभी बच्चों के लिए जिनके अभिभावकों ने कंसेंट में बच्चों को स्कूल भेजने से मना किया है उन सभी बच्चों के भविस्य का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन स्टडी और ऑनलाइन एग्जाम की सुविधा जारी रक्खी जाये की मांग करेंगे, अन्यथा अभिभावकों का दल स्कूल के गेट के सामने धरना और कानूनी सहायता लेने के लिए विवश होगा।

बिजेंद्र देव ओझा की कलम से
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