प्रयागराज हत्याकांड पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर कसा तंज, शेयर की घटना की वीडियो!
शुक्रवार (23 फरवरी) को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाह उमेश पाल को गोली मार दी गई थी। उमेश पाल को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी। प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने पत्रकारों को बताया की आज शाम को पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि किसी मामले में पैरवी कर रहे उमेश पाल पर हमला हुआ। उनके अनुसार सरकार की ओर से उन्हें दो सुरक्षाकर्मी दिए गए थे और वे भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए। शर्मा ने बताया कि स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में उमेश पाल की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कसा तंज, शेयर की वीडियो
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या का सीसीटीवी फुटेज ट्विटर पर अपने अकाउंट से शेयर किया है। उन्होंने फुटेज शेयर करने के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार पर तंज भी कसा है। अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- ये है उप्र में एनकाउंटर सरकार की झूठी छवि का सच्चा एनकाउंटर, जहां इलाहाबाद में सरेआम एक हत्याकांड के गवाह सहित दो पुलिसकर्मियों को बम-गोली से भून दिया गया। उप्र की भाजपा सरकार के तहत ऐसी सुरक्षा व क़ानून-व्यवस्था में आम जनता भयभीत है।
कौन थे उमेश पाल ?
उमेश पाल प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के रहने वाले थे और वहीं से पढ़ाई की। ग्रेजुएशन करने के बाद वकालत भी की। मौजूदा समय में वकालत करने के साथ-साथ जमीन के कारोबार का काम भी कर रहे थे। इसी जमीन के कारोबार के चलते एक समय पूजा पाल और उमेश पाल के रिश्ते में खटास भी आई थी। उमेश पाल, राजू पाल की रिश्तेदारी में आते थे, लेकिन उमेश लोगों की निगाह में राजू पाल की हत्या के बाद आए क्योंकि इस हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह के तौर पर जाने जाते थे। उमेश पाल ने कोर्ट के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा था। कोर्ट में इसी मामले की सुनवाई के बाद जब घर वापस आ रहे थे उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें उमेश की मौत हो गई। वहीं शुक्रवार को हुई उमेश पाल की हत्या के बाद परिवार वालों का आरोप है कि हत्या के पीछे धूमनगंज के रहने वाले दिनेश पासी और बाहुबली अतीक अहमद और उसके गैंग का हाथ है. बता दें कि राजू पाल हत्याकांड से जुड़े मामले की सुनवाई सीबीआई कर रही है। मामले में जल्द फैसला आ जाना था।
ऐसा कहा जाता है कि बाहुबली अतीक अहमद और अतीक के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और उनके कई साथियों पर राजू पाल के हत्या का इल्जाम लगा था, जिसकी सीबीआई जांच कर रही है। राजू पाल हत्याकांड से जुड़े होने की वजह से उमेश पाल को कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर ही लगता रहा है। यही नहीं बाहुबली अतीक अहमद पर उमेश पाल को अपहरण करने और जान से मारने की धमकी का भी आरोप लग चुका है। इसी मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई थी।
जांच में लगी आठ टीम
पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए आठ से दस टीम लगा दी गई हैं और ये टीम अलग-अलग जगह गई हुई हैं। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि हमलावर कितनी संख्या में थे। उल्लेखनीय है कि राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे और 2005 में उनकी हत्या कर दी गयी थी। उमेश पाल उस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। राजू पाल की हत्या में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद है जो गुजरात की एक जेल में निरुद्ध है।