सुषमा खर्कवाल का सख्त अंदाज़: नगर निगम में अनुशासन की बयार
Sushma Kharkwal's Strict Approach: Discipline and Accountability in Municipal Corporation
सुषमा खर्कवाल का सख्त अंदाज़: नगर निगम में अनुशासन और जवाबदेही की नई पहल
नगर निगम और जलकल विभाग के गलियारों में इन दिनों एक नई चर्चा है – महापौर सुषमा खर्कवाल का सख्त रवैया। जहां कुछ इसे अनुशासन का नाम दे रहे हैं, वहीं कुछ कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ चुकी है। बात चाहे देर रात तक ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों की हो या फिर ऑफिस से गायब रहने वालों की, महापौर की नज़र सब पर है।
➡️जलकल महाप्रबंधक कार्यालय में अचानक निरीक्षण: “कुर्सियां खाली, जवाबदेही भारी”
महापौर सुषमा खर्कवाल ने आज जलकल महाप्रबंधक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। महाप्रबंधक कुलदीप सिंह अपनी कुर्सी पर पाए गए, लेकिन मुख्यालय अधिशासी अभियंता सचिन सिंह यादव का अता-पता नहीं था। कई क्लर्क भी अपनी सीटों से गायब मिले। यह दृश्य देखकर महापौर का पारा चढ़ गया और उन्होंने तुरंत नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के आदेश दे दिए।
➡️नगर निगम जोनल कार्यालय-2: “मूंगफली के ठेले से लेकर कुर्सी तक की खोज”
महापौर का काफिला नगर निगम जोन-2 पहुंचा, तो वहां भी हाल कुछ अलग नहीं था। अधिकारी शिल्पा कुमारी अपनी सीट पर डटी रहीं, लेकिन 50% बाबू नदारद। महापौर ने जोनल कार्यालय के आस-पास निरीक्षण किया और पाया कि कई कर्मचारी मूंगफली के ठेले के पास “कार्यव्यस्त” हैं। सख्त लहज़े में आदेश दिया गया कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
➡️काम में अनुशासन और जनता के लिए समर्पण
महापौर सुषमा खर्कवाल ने साफ शब्दों में कहा, “हम जनता की सेवा में चुने गए हैं, और अनुशासन से ही विकास संभव है। कार्यालय में उपस्थिति और काम के प्रति जिम्मेदारी से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा।”
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➡️कर्मचारियों की चिंताएं और महापौर का जवाब
कुछ कर्मचारियों ने दबी जुबान में यह शिकायत भी की कि महापौर हमारी रात की मेहनत क्यों नहीं देखतीं। इस पर महापौर ने स्पष्ट कर दिया, “मेहनत करने वालों को सम्मान मिलेगा, लेकिन लापरवाह कर्मचारियों को सुधारना मेरी ज़िम्मेदारी है।”
➡️ जनता की सराहना और कर्मचारियों की बेचैनी
जहां जनता महापौर के इस तेवर को सराह रही है, वहीं कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। नगर निगम के गलियारों में अब यह चर्चा है कि महापौर का अगला कदम किस विभाग की ओर होगा।
➡️सुषमा खर्कवाल का संदेश
“जो काम करेगा, वो मान पाएगा, और जो नहीं करेगा, वह सुधार केंद्र जाएगा।”
महापौर की कार्यशैली से यह साफ है कि उनके नेतृत्व में नगर निगम में कामचोरी की कोई जगह नहीं है। सुषमा खर्कवाल के इस सख्त और अनुशासनात्मक कदम से यह उम्मीद है कि शहर में प्रशासनिक व्यवस्था सुधरेगी और जनता को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।