PMJAY: आयुष्मान भारत योजना (आयुष्मान कार्ड) का फ्री इलाज या ज़िंदगी से खिलवाड़? चौकाने वाला खुलासा
PMJAY: Is Ayushman Bharat Free Treatment a Boon or a Risk?
आयुष्मान कार्ड: फ्री इलाज या जिंदगी से खिलवाड़?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY), जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से जाना जाता है, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए वरदान मानी जाती है। यह योजना हर परिवार को ₹5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। लेकिन क्या यह “फ्री इलाज” का वादा वास्तव में जिंदगी संवार रहा है या इसके नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है?
हाल ही में एक प्रमुख न्यूज़ चैनल के प्रोग्राम में एक चौंकाने वाले विश्लेषण ने यह दिखाया कि कैसे भारत में हेल्थ इंश्योरेंस और आयुष्मान कार्ड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।
गरीब जनता पर धोखाधड़ी का शिकंजा
आयुष्मान कार्ड के जरिये गरीब और कम पढ़े-लिखे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं तो मिलीं, लेकिन यह वर्ग ही सबसे बड़ा निशाना बन गया। जानकारी और संसाधनों की कमी के कारण ये लोग अनावश्यक सर्जरी और धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आज भारत में लगभग 44% सर्जरी सिर्फ पैसा ऐठने के उद्देस्य से की जा रही हैं, जिसमें 55% हार्ट सर्जरी, और 48% नी रिप्लेसमेंट जैसी प्रक्रियाएं बिना किसी आवश्यकता के सिर्फ पैसे कमाने के लिए की जा रही हैं।
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बड़े अस्पताल भी शामिल
यह धोखाधड़ी केवल छोटे क्लीनिकों तक सीमित नहीं है। बड़े नामी अस्पताल भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं। डॉक्टरों पर प्रबंधन द्वारा “प्रॉफिट टारगेट” पूरा करने का दबाव डाला जाता है। नतीजतन, डॉक्टर गरीब मरीजों को ऑपरेशन थिएटर तक पहुंचाने के लिए उन्हें गंभीर बीमारियों का डर दिखाते हैं।
कॉर्पोरेट हॉस्पिटल्स: सेवा नहीं, मुनाफा
आज अस्पताल भी “कॉर्पोरेट कंपनियों” में बदल गए हैं। मुनाफा कमाने की होड़ में मरीजों की सेवा से ज्यादा प्राथमिकता डॉक्टरों को दिए गए टारगेट्स को पूरा करने पर है।
आंकड़े जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे:
- 55% हार्ट सर्जरी: गैर-जरूरी।
- 48% यूट्रस सर्जरी: बेवजह।
- 47% कैंसर सर्जरी: बस लाभ कमाने के लिए।
- 48% सी-सेक्शन सर्जरी: केवल मुनाफे के लिए।
गरीबों की उम्मीदें और उनके टूटते भरोसे
जिन गरीब परिवारों के लिए यह योजना जीवन रक्षक साबित होनी थी, वही अब सबसे ज्यादा धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों को भगवान समझने वाली जनता अब उनकी “कॉर्पोरेट सोच” से टूट रही है।
क्या करना चाहिए?
- हेल्थ सेक्टर में पारदर्शिता:
सरकार को हेल्थकेयर सिस्टम में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी। - कड़ी कार्रवाई:
अनावश्यक सर्जरी करने वाले डॉक्टरों और अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। - सावधानी बरतें:
किसी भी सर्जरी से पहले सेकंड ओपिनियन लें और अपनी सभी मेडिकल रिपोर्ट अपने पास रखें।
आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन इसकी खामियां इसे कमजोर कर रही हैं। जरूरत है कि हेल्थ सेक्टर में सुधार कर इसे अपने असली उद्देश्य को पूरा करने लायक बनाया जाए।
यह योजना केवल गरीबों की भलाई के लिए होनी चाहिए, न कि किसी का मुनाफा बढ़ाने का जरिया। आपकी जिंदगी अमूल्य है—इसे बेवजह सर्जरी और धोखाधड़ी के हाथों सौंपने से बचें।