नगर आयुक्त के आदेशों की अनदेखी, नगर निगम लखनऊ के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
Negligence by Lucknow Municipal Corporation Officials: Disregarding Honest Municipal Commissioner’s Orders
सरोजनी नगर प्रथम, पंडित खेड़ा, लखनऊ नगर निगम लखनऊ के अधिकारियों द्वारा नगर आयुक्त के निर्देशों को दरकिनार करते हुए लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। पंडित खेड़ा के प्रतिनिधि मंडल ने 6 सितंबर को नगर आयुक्त से मुलाकात कर विभिन्न समस्याओं जैसे नाले का निर्माण, रामदास खेड़ा की अधूरी सड़क, साफ-सफाई और कूड़ा निस्तारण, तथा मार्ग प्रकाश की व्यवस्था को लेकर शिकायत की थी। नगर आयुक्त ने आश्वासन देते हुए मुख्य अभियंता महेश वर्मा और नगर निगम की संयुक्त टीम को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे।
सड़कों और नाले के निर्माण की अनदेखी
आज निरीक्षण के दौरान नगर निगम के अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आए। मार्ग प्रकाश विभाग के JE सूर्य विक्रम सिंह मौके से गायब थे। जब मीडिया ने मुख्य अभियंता महेश वर्मा से इस संबंध में सवाल किया, तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। वहीं, JE सूर्य विक्रम सिंह से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने निरीक्षण की कोई जानकारी न होने की बात कही।
रामदास खेड़ा की सड़क का निरीक्षण अधूरा
मुख्य अभियंता महेश वर्मा ने रामदास खेड़ा की अधूरी सड़क का निरीक्षण कर वापस जाने की तैयारी कर ली और नगर आयुक्त के स्पष्ट आदेश के बाद भी नाले का निरीक्षण करना जरूरी नहीं समझा। जब स्थानीय जनता को इसका पता चला, तो उनके विरोध के बाद मुख्य अभियंता को विवश होकर नाले का निरीक्षण करना पड़ा।
नाले के निर्माण में लापरवाही
मौके पर पहुंचे अधिशासी अभियंता राजीव शर्मा, नाले निर्माण के प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी से अनभिज्ञ थे। निरीक्षण के दौरान वे बार-बार फाइल चेक करने की बात करते नजर आए और नाले की जगह पाइप डालकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते दिखाई दिए। इस पर पंडित खेड़ा की जागरूक जनता ने एक स्वर में उग्र विरोध दर्ज कराया।
जनता का आक्रोश और नगर निगम की उदासीनता
पंडित खेड़ा की जनता, जो काफी समय से नगर निगम और जनप्रतिनिधियों के कार्यालय के चक्कर काट रही थी, नगर आयुक्त से मुलाकात के बाद आशान्वित थी। परंतु नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही ने इस आशा को आक्रोश में बदलने का काम किया है। नगर आयुक्त के ईमानदार प्रयासों के बावजूद नगर निगम के अधिकारी उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं जब सूचना इंडिया ने क्षेत्रीय पार्षद पुत्र संजय गुप्ता से बात की तो उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रक्खी और कोई स्पस्ट डेडलाइन देने से बचते दिखे
अधिकारियों की लापरवाही चुनावों पर पड़ सकती है भारी
अगर नगर निगम का यही रवैया रहा और जनता के दैनिक जीवन से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज किया गया, तो 2027 के चुनाव में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। जनता ने मांग की है कि नगर निगम के अधिकारियों की इस लापरवाही की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की अनदेखी न हो।
देखना दिलचस्प होगा की जनता के प्रदर्शन और मांग को देखते हुए क्या नगर निगम अपनी कार्यशैली में परिवर्तन करते हुए जनता की मांग के अनुरूप सभी चिन्हीत कामों को पूरा करने में तेजी लाती है या आँख कान बंद करके AC कमरों में बैठ कर कागजों में स्मार्ट सिटी बनाने में व्यस्त रहती है।
आप जैसे मीडिया की वजह से सच बाहर आता है आभार पंडितखेड़ा की आवाज बनने के लिए