
क्या सिर्फ पिच के वजह से कोई टीम सिर्फ 46 रन पर आउट हो सकती है ?
क्या सिर्फ पिच के कारण टीम 46 रन पर ढेर हो सकती है? बेंगलुरु में हो रहे IND vs NZ WTC पहले टेस्ट मैच में कुछ ऐसा ही हुआ, जब भारतीय टीम मात्र 31.2 ओवर में सिर्फ 46 रन पर ऑल आउट हो गई। यह वही भारतीय टीम है जिसने कुछ दिन पहले बारिश से प्रभावित मैच में महज 2 दिन में बांग्लादेश को हराते हुए तेज रफ्तार से 50, 100, 150 और 200 रन बनाए थे।
लेकिन सवाल तब और बड़ा हो जाता है जब दूसरी पारी में New Zealand के बल्लेबाज Devon Conway और Tom Latham ने उसी पिच पर बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 31.3 ओवर में तेजी से रन जोड़े। Tom Latham जब आउट हुए तो New Zealand का स्कोर 67 रन हो चुका था और टीम 21 रन की लीड ले चुकी थी।
यह कोई साधारण घटना नहीं है, खासकर जब भारतीय टीम के विराट कोहली, K L राहुल, रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे धुरंधर बिना खाता खोले आउट हो गए। वहीं, न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज रचिन रविंद्र ने शतक जड़ा और टिम साउथी ने अर्धशतक पूरा किया। इसके पहले Devon Conway ने महत्वपूर्ण 91 रन बनाए।
क्या यह सिर्फ पिच का असर था या कुछ और? क्या भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक में कमी थी, या यह केवल एक खराब दिन था? क्या न्यूज़ीलैंड की टीम ने बेहतर खेल पढ़ा? या हमें किसी और एंगल से सोचना चाहिए क्रिकेट प्रेमियों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है।
इस लेख के लिखे जाने तक न्यूज़ीलैंड ने 345 रन बनाकर 299 रन की लीड ले ली थी, और अब भी 2.5 दिन का खेल बाकी है। क्या भारतीय टीम इस बड़े अंतर को पाट सकेगी? क्या न्यूज़ीलैंड की गेंदबाजी इतनी घातक होगी कि वे भारतीय बल्लेबाजों को संघर्ष करने के लिए मजबूर होगी ?
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क्रिकेट प्रेमी क्या सोचते हैं? क्या ये हार सिर्फ पिच की वजह से है, या टीम के प्रदर्शन पर भी सवाल उठते हैं? क्या भारतीय बल्लेबाज अगली पारी में कुछ चमत्कार दिखा पाएंगे? हमें कमेंट्स में अपनी राय ज़रूर बताएं।
356 रन की बढ़त लेते हुए New Zealand की पूरी टीम 402 रन बनाकर आउट, जडेजा और कुलदीप के 3-3 विकेट देखने वाली बात होगी भारत अपनी दूसरी पारी में कैसा स्टार्ट लेती है