Deepawali के दिन महालक्ष्मी पूजन में इन 10 ख़ास चीज़ो को जरूर शामिल करें।। Deepawali 2022 ।।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर Deepawali का त्योहार मनाया जाता है। Deepawali के दिन प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन का विधान होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार Deepawali पर मां लक्ष्मी प्रकट हुईं थीं और कार्तिक अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने आती हैं। Deepawali के दिन घरों को दीयों से सजाया जाता है।
Deepawali का त्योहार अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है। Deepawali की रात को विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा होती है। Deepawali पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा में सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं। शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी सुख-समृद्धि, धन-दौलत और ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी हैं।
मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर व्यक्ति धनवान और समृद्धिशाली हो जाता है और जीवन से धन की कमी हमेशा के लिए दूर हो जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा में उनके चरण चिन्ह की पूजा होती है। ऐसे में Deepawali पर देवी लक्ष्मी की पूजा में सोने-चांदी या धातु से बने चरण चिन्ह जरूर रखना चाहिए। अगर सोने-चांदी से बने चरण चिन्ह न रख सकें तो कागज पर बने चरण चिन्ह की जरूर पूजा करनी चाहिए।
दक्षिणावर्ती शंख: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में शंख का विशेष महत्व होता है। बिना शंख के माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार Deepawali पर माता लक्ष्मी की पूजा में दक्षिणवर्ती शंख की पूजा से सुख-समृद्धि आती है। माता लक्ष्मी और दक्षिणवर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी इस कारण से दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है। ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में दक्षिणावर्ती शंख भी जरूर रखें।
श्रीयंत्र: मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना श्रीयंत्र के बिना अधूरी होती है। इसलिए Deepawali पर मां लक्ष्मी की पूजा में श्रीयंत्र को जरूर शामिल करें।
खीर: Deepawali पर मां लक्ष्मी को भोग में खीर भी शामिल करें। खीर मां लक्ष्मी का प्रिय भोजन है। ऐसे में Deepawali पर मिठाई के अलावा घर पर मेवे से बनी खीर जरूर चढ़ाएं।
वंदनवार: ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी उन्हीं घरों में अपने अंश रूप में विराजमान होती हैं जहां पर साफ-सफाई सबसे ज्यादा होती है। Deepawali पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम,पीपल और अशोक के नए कोमल पत्तों की माला पिरोकर वंदनवार लगाएं। मुख्यद्वार पर वंदनवार लगाने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं।
पीली कौड़ी: पीली कौड़ियों को धन और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। Deepawali पर पीली कौड़ियों को मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान जरूर शामिल करना चाहिए। पूजा के बाद इन कौड़ियों को तिजोरी में रखा जाता है।
पान के पत्ते: हिंदू धर्म में पूजा और धार्मिक अनुष्ठान में पान को जरूर शामिल किया जाता है। Deepawali पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा में पान के पत्ते के ऊपर स्वस्तिक का निशान बनाएं।
गन्ना: मां लक्ष्मी की सवारी ऐरावत हाथी है इसलिए मां लक्ष्मी को गजलक्ष्मी भी कहा जाता है। ऐरावत हाथी को गन्ना खाना बहुत ही प्रिय होता है। इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ने को जरूर शामिल करें।
धनिया: बहुत से लोग धनिया के बीज खरीदकर घर में रखते हैं। इसे सौभाग्य व सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। Deepawali पर लक्ष्मी पूजा की थाली में इसे रखते हैं।
कमल का फूल: माता लक्ष्मी हमेशा कमल के फूल पर विराजमान होती हैं और उन्हें कमल का फूल बहुत ही प्रिय होता है। इसलिए Deepawali के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में कमल के फूल को जरूर शामिल करना चाहिए।