कानपुर:- जानकी वेंकटरमन की जन्म शताब्दी कार्यक्रम मनाया गया।
पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन की पत्नी जानकी वेंकटरमन का जन्म शताब्दी कार्यक्रम फूलबाग स्थित स्पाष्टिक सेंटर में विकलांग बच्चों के बीच आज मनाया गया यह उनकी बेटी विजया रामचंद्रन की इच्छा अनुसार हुआ क्योंकि जब जानकी वेंकटरमन वह राष्ट्र की प्रथम महिला थी उस समय भी उनका जन्मदिन मलिन बस्तियों व स्पाष्टिक बच्चों के साथ बनाती थी ! उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए छोटे भाई नरोन्हा ने बताया कि जब उनके पति देश की आजादी मैं जेल गए थे तब अपनी तीन बेटियों के देखरेख करती थी गांधी जी से प्रभावित वह अहिंसा के पुजारी थी इतना तक कि उन्होंने रेशम के कपड़े पहनना चाहिए क्योंकि रेशम जीवित काकून से रेशों से बनाए जाते है, इस कारण कभी भी रेशमी साड़ी नहीं पहनी ,और उन्होंने कभी भी बेटे और बेटियों में अंतर नहीं समझा उनकी यह अंतिम इच्छा थी कि जब मेरी मृत्यु हो तो उसका अंतिम संस्कार उनके तीनों बेटियां अग्नि दें क्योंकि वह लिंग भेद नहीं मानती थी! सुरेश गुप्ता प्रांतीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति महोदय आर. वेंकटरमन खादी प्रेमी थे और वह हमारे खादी ग्राम उद्योग महासंघ के कार्यक्रमों में राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में आया करते थे वह छोटो के बीच छोटा और बड़ों के बीच के साथ उसके अनुसार व्यवहार करते थे आर वेंकटरमन के साथ उनकी पत्नी जानकी जी भी आया करती थी उनका व्यवहार मृदुभाषी थी और हमेशा ग्रामीण उद्योगों एवं खादी को प्रस्तावित करती थी जिससे कि ग्रामीण अंचल में रोजगार सृजन हो सके और शहर में गांव से नौजवानों का पलायन रुक सके! सेंटर के बच्चों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर गीत प्रस्तुत किए केंद्र मैं आए हुए आगंतुकों का निदेशक मीरा नरोन्हा ने स्वागत किया मुख्य रूप से अंजू शुक्ला, निधि कोहली ,जतिन शिखा तिवारी, मीनाक्षी मेहरोत्रा व रेणु त्रिवेदी रहे।
कानपुर से अनुज तिवारी की रिर्पोट