सामाजिक
सर्व शिक्षा अभियान की दरकार!
वैसे तो सरकार इन दिनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई को लेकर काफी संजीदा है सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जोर शोर से चलाया जा रहा है लेकिन कहीं न कहीं कुछ तो अधूरा रह गया है जिसकी पूर्ति ज़रुरी है! समाज के एक ऐसे तबके के बच्चे जिनके लिए सुबह से लेकर शाम तक हाथों में पन्नी लेकर कबाड़ इकट्ठा करने के अलावा कोई और ज़रुरी काम नहीं है क्यों कि अगर वो कबाड़ इकट्ठा कर कुछ रुपए घर ना ले गए तो परिवार का भरण-पोषण मुश्किल पड़ सकता है उम्र महज़ आठ या दस साल लेकिन जिम्मेदारियां इतनी बड़ी कि अच्छे अच्छों को सोचने पर मजबूर कर दें ऐसा लगता है कि इन बच्चों के लिए एक और सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम और जागरूकता की इस वक्त सख्त जरूरत है क्योंकि यही समय है इन कच्ची माटी से होनहार और देश के कर्णधार बनाने का!