Lucknow Municipal Corporation: महापौर की फटकार और कर्मचारिओं की कुम्भकर्णी नींद
Mayor's Surprise Visit Exposes Laxity in Lucknow Nagar Nigam
महापौर की औचक निरीक्षण में लखनऊ नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही हुई उजागर
Lucknow Municipal Corporation मुख्यालय का माहौल उस दिन बड़ा ही मनोरंजक था। सुबह 11 बजे, जब शहर की महापौर सुषमा खर्कवाल अपनी जिम्मेदारी निभाने मुख्यालय पहुंचीं, तो लगा मानो ऑफिस नहीं, बल्कि कोई फिल्म का सेट हो। कर्मचारी अपनी सीटों से ऐसे गायब थे जैसे बच्चे स्कूल में प्रिंसिपल के आने की खबर सुनते ही छुप जाते हैं।
महापौर जी, जिनके चेहरे पर काम करने की प्रेरणा साफ झलक रही थी, जैसे ही अपर नगर आयुक्त के कमरे में पहुंचीं, वहां भी नदारद कर्मचारियों का मेला लगा हुआ था। ऐसा लगा कि नगर निगम में “गायब होना” ही नई ड्रेस कोड बन चुका है।
फिर जब वह CFO कक्ष पहुंचीं, तो दृश्य और भी रोचक था। वहां कर्मचारी ऐसे लापता मिले जैसे “विकास कार्यों” की फाइलें! कोई कुर्सी पर नहीं, कोई मेज पर नहीं, और कुछ तो मानो सपनों की दुनिया में खोए थे।
महापौर का गुस्सा अब सातवें आसमान पर था। उन्होंने ऐसी फटकार लगाई कि पूरे Lucknow Municipal Corporation मुख्यालय में एक मिनट के लिए सन्नाटा छा गया। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि यह सन्नाटा कर्मचारियों की गलती पर शर्मिंदगी का नहीं, बल्कि ये सोचने का था कि “इतनी सुबह कौन आ जाता है?”
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शायद कर्मचारियों ने सोचा होगा कि महापौर जी भी नेता हैं, बस दौरे का टाइम पास करेंगे और फिर चले जाएंगे। लेकिन वे नहीं जानते थे कि महापौर जी का टाइम पास उनके लापता कर्मियों का पास निकालने में हो सकता है।
“लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी,” महापौर जी ने कहा। लेकिन कर्मचारियों का हाव-भाव ऐसा था जैसे वे सोच रहे हों, “मैडम, स्मार्ट सिटी तो ठीक है, पर पहले हमें सुबह जल्दी आने से बचा लीजिए।”
आखिरकार, महापौर जी की कड़ी चेतावनी के बाद कर्मचारी भले कुछ समय के लिए जाग गए हों, पर उनकी कुम्भकर्णी आत्मा शायद फिर अपने आरामगृह में लौटने की योजना बना रही होगी।
सच में, Lucknow Municipal Corporation का यह दृश्य यह बताने के लिए काफी था कि लापरवाही और आलस के बीच के कर्मचारियों ने बड़ी ही अच्छी “सांस्कृतिक दोस्ती” निभा रखी है। लेकिन महापौर जी की तरह अगर हर नेता मेहनत और अनुशासन का बीड़ा उठाए, तो शायद ये दोस्ती टूट जाए और लखनऊ वाकई स्मार्ट बन जाए!