Lucknow faces waterlogging issues: क्या इस बार भी मानसून में डूबेगा लखनऊ?
मानसून से पहले अलर्ट: Lucknow faces waterlogging issues

Lucknow faces waterlogging issues: क्या इस बार मानसून में डूबेगा लखनऊ या नगर निगम है तैयार ?
मानसून 2025 बस कुछ ही दिनों में लखनऊ में दस्तक देने वाला है। अब सवाल यह है कि क्या इस बार भी लखनऊ डूबेगा? या फिर नगर निगम लखनऊ ने वाकई इस बार कुछ ठोस तैयारियाँ की हैं? पिछले वर्षों की तरह अगर व्यवस्था विफल रही तो Severe waterlogging in Lucknow का दृश्य फिर से दोहराया जा सकता है।
हर बार की कहानी: जब RAIN IN LUCKNOW बनी मुसीबत


हर साल Incessant rainfall led to heavy waterlogging in several areas of Lucknow जैसी खबरें आम हो जाती हैं। waterlogged road in Uttar Pradesh’s Lucknow सिर्फ एक हेडलाइन नहीं बल्कि जनता के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन जाती है।
मुंबई की तस्वीर: क्या लखनऊ के लिए चेतावनी है?
अभी कुछ दिनों पहले मुंबई में हुई भारी बारिश ने पूरे शहर को वाटरलॉगिंग की चपेट में ले लिया। ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई, ऑफिस और स्कूल बंद करने पड़े, और कई स्थानों पर दो-दो फीट पानी भर गया। यही नहीं, मरीन ड्राइव से अंधेरी तक की सड़कों पर The city’s drainage system is overwhelmed की स्थिति दिखी। क्या लखनऊ की तैयारी मुंबई जैसी आपदा से बचा पाएगी?

इस बार की तैयारियाँ कितनी मजबूत?
लखनऊ नगर निगम और महापौर कार्यालय का दावा है कि इस बार The city’s drainage system is overwhelmed जैसी स्थिति नहीं आएगी। अधिकारियों ने बताया कि:
- 250 से अधिक ड्रेनेज पॉइंट्स की सफाई हो चुकी है।
- नालों की मैपिंग और GPS ट्रैकिंग के जरिए निगरानी शुरू की गई है।
- सड़कों पर जलभराव से बचने के लिए विशेष पंपिंग सेट्स की व्यवस्था की गई है।
जमीनी हकीकत क्या कहती है?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई इलाकों में अभी भी नालियों की सफाई अधूरी है। severe waterlogging की संभावना अभी भी बनी हुई है, खासकर पुराने लखनऊ, अलीगंज, गोमतीनगर, आसियाना, इंद्रलोक कॉलोनी, और चारबाग जैसे क्षेत्रों में।
सरोजिनी नगर प्रथम और द्वितीय की हालत चिंताजनक रही है। पिछले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। वाटरलॉगिंग की रोकथाम के प्रयासों के तहत CMS स्कूल परिसर में एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन भी किया गया था, लेकिन 2024 तक ज़मीनी हालातों में कोई ठोस सुधार नहीं देखा गया। अब 2025 के मानसून में नगर निगम की रणनीति कितनी कारगर साबित होती है, यह देखना बाकी है।
प्रशासन का दावा और जनता की उम्मीदें
नगर आयुक्त ने बताया कि सभी संबंधित विभागों को मानसून से पहले काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, 24×7 कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
लेकिन क्या यह सब कागजों तक सीमित है या जमीन पर भी नजर आएगा?
क्या लखनऊ फिर डूबेगा या बचेगा?
Lucknow faces waterlogging issues सिर्फ एक चेतावनी नहीं बल्कि एक बार फिर प्रशासन की परीक्षा है। अगर सही समय पर सही कदम नहीं उठाए गए तो Severe waterlogging in Lucknow की घटनाएं फिर से देखने को मिल सकती हैं। मुंबई की बारिश लखनऊ को एक सीख दे रही है कि early preparedness ही safety की गारंटी है।
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