लखनऊ नगर निगम की समीक्षा बैठक: लक्ष्य बड़े, हकीकत आधी-अधूरी
LMC Review Meeting: Slow Tax Recovery and New Initiatives Discussed
आज लखनऊ नगर निगम के जोन-8 कार्यालय में महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में नगर निगम की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन यह बैठक भी आंकड़ों और योजनाओं की भरमार के बावजूद अधूरी ही दिखी।
कर विभाग की वसूली में धीमी प्रगति
बैठक में कर विभाग की प्रगति पर खास चर्चा हुई। विभाग ने 73.86 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा था, परंतु अब तक केवल 38 करोड़ रुपये ही वसूल किए जा सके हैं। बाकी राशि का क्या हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। महापौर ने विभाग को सख्त निर्देश दिए कि वसूली में तेजी लाई जाए, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह काम भी अगले वित्तीय वर्ष तक टल सकता है।
आईजीआरएस शिकायतों के निपटारे पर चर्चा
बैठक में आईजीआरएस (Integrated Grievance Redressal System) के तहत आने वाली शिकायतों पर भी विचार-विमर्श हुआ। शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का सुझाव रखा गया। इससे यह उम्मीद जताई गई कि जो काम सरकारी दफ्तरों में धीमी गति से हो रहा है, वह शायद व्हाट्सएप ग्रुप की तेज संवाद प्रणाली से तेजी से हो सके। हालांकि, यह देखना बाकी है कि यह तकनीकी प्रयास कितनी सफलता दिला पाएगा।
रोशनी के नाम पर खानापूर्ति
लखनऊ की सड़कों पर अंधेरे को दूर करने के लिए 25-25 नई लाइट्स लगाने के निर्देश जारी किए गए। इसके पीछे तर्क यह है कि रात में सड़कों के गड्ढों को स्पष्ट रूप से देखा जा सके। हालांकि, जनता इस पहल को व्यावहारिकता से ज्यादा दिखावटी मान रही है, क्योंकि गड्ढा मुक्त सड़कों का सपना अब तक अधूरा ही है।
आपत्तियों का समाधान और वास्तविकता
बैठक में यह भी दावा किया गया कि 1264 आपत्तियों का निपटारा कर दिया गया है। लेकिन जनता के बीच यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या इनमें से एक भी आपत्ति “काम की धीमी रफ्तार” पर थी? शहर के कई इलाकों में जनता अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है।
समीक्षा बैठक में कई निर्देश जारी हुए और कई लक्ष्यों का निर्धारण हुआ, लेकिन हकीकत यह है कि काम की गति और नगर निगम की व्यवस्थाएं अभी भी अपेक्षाओं से कोसों दूर हैं। हालांकि, महापौर ने काम में तेजी लाने की बात कही है, लेकिन देखना यह होगा कि अगले कुछ महीनों में यह निर्देश कितनी हकीकत बन पाते हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि लखनऊ नगर निगम की यह समीक्षा बैठक सिर्फ एक औपचारिकता न होकर, शहर की वास्तविक समस्याओं का समाधान बन सके।
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