जानें क्या है एमएसपी, जिसके लिए देशभर के किसान सड़कों पर उतर आए।| MSP ? |
जानें क्या है एमएसपी (MSP)? जिसके लिए देशभर के किसान सड़कों पर उतर आए।
“सूचना इंडिया न्यूज चैनल24*7”
केंद्र सरकार किसानों के लिए तीन विधायक लेकर आई है। इसके लिए हंगामा इतना बढ़ गया है कि देशभर के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि आखिर एमएसपी क्या है?
एमएसपी का मतलब है-“मिनिमम सपोर्ट प्राइज”,
एमएसपी किसानों के लिए एक जीवन बीमा है। एमएसपी यह सुनिश्चित करती है कि फसलों की पैदावार और उसके रेट के असर से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। इसको आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। मान लेते हैं कि किसी साल फसलों की पैदावार काफी अच्छी हुई। ऐसे में फसलों का रेट कम हो जाता है। अब मार्केट में किसानों को अपनी फसलें कम दाम में बेचनी पड़ती हैं। इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे में एमएसपी यह तय करती है कि किसानों को ज्यादा नुकसान न हो पाए। सरकार के द्वारा तय की गई एमएसपी किसानों को मिलती ही है। इससे किसानों को एक भरोसा रहता है कि अगर उनको अपनी फसलों के लिए अच्छी रकम नहीं मिली, तो कम से कम एमएसपी तो जरूर मिलेगी।
सरकार तय करती है एमएसपी- ऐसा माना जा सकता है कि एमएसपी किसानों के लिए एक फिक्स्ड प्राइज की तरह उपयोग की जाती है। इससे यह तो क्लियर है कि किसानों के लिए एमएसपी कितनी ज्यादा जरूरी है। सरकार तय करती है एमएसपी। सरकार हर सीजन के शुरूआत में एमएसपी तय करती है। इसकी सिफारिश कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की ओर से की जाती है। इससे किसानों को बाजार में फसलों की कम कीमतों से ज्यादा नुकसान नहीं होता है।
केंद्र सरकार ने बढ़ाई एसएसपी– नरेंद्र सिंह तोमर ने रबी फसलों पर एमएसपी की बढ़ोत्तरी की जानकारी दी है। उन्होंने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि चना का एमएसपी 8.3% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ाया गया है, रेपसीड और सरसों का एमएसपी 7% तक बढ़ाया गया है, गेहूं का एमएसपी 5.3% बढ़ाया गया है तथा जौ का एमएसपी 5.7% तक बढ़ाया गया है
इसका मतलब है कि गेहूं में 50 रुपये की बढ़ोतरी, चना में 225 रुपये की बढ़ोतरी, मसूर में 300 रुपये की बढ़ोतरी, सरसों में 225 रुपये की बढ़ोतरी, जौ में 75 रुपये की बढ़ोतरी और कुसुम्भ में 112 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।