
लखनऊ नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग के सहायक इंजीनियर ईशान पांडे की लापरवाही से एक 14 वर्षीय बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई है। इस दुखद घटना ने शहरवासियों को हिलाकर रख दिया है और नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसा उस समय हुआ जब बच्चा एक पार्क के पास खेल रहा था और वहां लगे एक खुले बिजली के खंभे से करंट लगने के कारण उसकी जान चली गई। इस घटना ने नगर निगम के अधिकारियों और खासकर सहायक इंजीनियर की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
तेजतर्रार महापौर और ईमानदार नगर आयुक्त की बेबसी
लखनऊ की तेजतर्रार महापौर और ईमानदार नगर आयुक्त के नेतृत्व में नगर निगम को सुचारू रूप से चलाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन इस घटना ने इन दावों की पोल खोल दी है। महापौर और नगर आयुक्त के सख्त रवैये के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक नगर निगम की ओर से इस घटना को लेकर किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे जनता में नाराजगी और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
सहायक इंजीनियर ईशान पांडे की लापरवाही और मजबूत संबंध
घटना के मुख्य आरोपी सहायक इंजीनियर ईशान पांडे के संबंध उच्च स्तर पर मजबूत बताए जा रहे हैं। उनके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, जो नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि एक बच्चे की मौत के बावजूद निगम प्रशासन चुप्पी साधे हुए है और दोषियों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
ईशान पांडे की लापरवाही के कारण खुले बिजली के खंभों की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी, लेकिन निगम की तरफ से इसे अनदेखा किया जाता रहा। बिजली के खंभों की नियमित जांच और मरम्मत का काम भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
जनता का गुस्सा और मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में नगर निगम के प्रति भारी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि अगर समय पर बिजली के खंभों की मरम्मत की गई होती तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था। लोग सहायक इंजीनियर ईशान पांडे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने की अपील कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी लापरवाही ना हो।
प्रशासन से उम्मीदें
इस दर्दनाक घटना के बाद लखनऊ की जनता प्रशासन से उम्मीद कर रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और नगर निगम की कार्यशैली में सुधार लाया जाएगा। यह समय है जब नगर निगम को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके। महापौर और नगर आयुक्त से भी उम्मीद है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने का प्रयास करेंगे।