मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर हुई रिपोर्ट दर्ज,मथुरा कोतवाली पुलिस ने धाराओं में कर दिया खेल

मथुरा।मथुरा कूट रचित शैक्षिक अभिलेखों के सहारे एवं नियम विरुद्ध ढंग से नौकरी प्राप्त कर प्रवक्ता पद पर नियुक्ति होने के बाद तथा तदर्थ प्रधानाचार्य पद पाने के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर मथुरा कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में धाराओं में खेला कर दिया।मामला मथुरा शहर स्थित जानकीबाई बालिका इंटर कॉलेज मथुरा का है।जहां श्रीमती अनिता गौतम पत्नी सतीश कुमार गौतम द्वारा कूट रचित दस्तावेज तथा फर्जी मार्कशीट के आधार पर प्राप्त नियुक्ति की जांच विभाग द्वारा की गई। सत्यापन के दौरान मार्कशीट को फर्जी पाया गया।तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक ने उपमुख्यमंत्री को 4 दिसंबर 2018 भेजे गये पत्र में बताया कि विद्यालय के प्रबंधक को प्राथमिकता दर्ज कराने के आदेश निर्गत कर दिए गये हैं।विद्यालय प्रबंधक ने श्रीमती अनीता से मेलजोल करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीधे पुलिस आयुक्त आगरा को निर्देश दिए तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराएं।
क्या है पूरा मामला
डॉक्टर सीमा सिंह पत्नी अरुण कुमार सिंह के मुताबिक उनकी नियुक्ति 2011 में चयन बोर्ड इलाहाबाद के द्वारा जानकीबाई बालिका इंटर कॉलेज मथुरा में मनोविज्ञान प्रवक्ता अनुसूचित जाति के अंतर्गत हुई थी।श्रीमती अनिता गौतम जातिगत मानसिकता रखने के कारण आये दिन प्रताड़ित करती व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए सामाजिक छवि धूमिल करने का प्रयास करती थी।श्रीमती गौतम की नियुक्ति वर्ष 2000 में हिंदी प्रवक्ता विषय विशेषक के पद पर किशोरी रमण कन्या इंटर कॉलेज मथुरा में हुई।उक्त पद हेतु योग्यता संस्कृत विषय होना अनिवार्य था लेकिन नियुक्ति तिथि को उसके पास संस्कृत विषय नहीं था। उन्होंने वर्ष 2005 में एक विषय संस्कृत से फर्जी अंकपत्र भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा का बीए तृतीय वर्ष का कूट रचित बनवाकर वर्ष 2007 इसके पति सतीश गौतम ने सेटिंग गेटिंग कर हाथरस पीसी बांग्ला इंटर कॉलेज हाथरस में प्रवक्ता पद पर हुआ था।इसके बाद सेटिंग कर नियम विरुद्ध जानकीबाई बालिका इंटर कॉलेज मथुरा में करा लिया।

थाना कोतवाली पर रिपोर्ट लिखे जाने के दौरान पुलिस ने मुख्यमंत्री जी के आदेश पर प्राथमिकी तो दर्ज कर ली।लेकिन सीमा सिंह के पति अरुण कुमार सिंह का आरोप है कि थाना पुलिस ने कूट रचना, फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लेना,सरकारी धन की हानि तथा वेतन लेकर गवन की धारा को छुपाते हुए आरोपियों को लाभ पहुंचाने का खेल कर दिया हैं।