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क्या है “हिट एंड रन” का नया कानून जिसे लेकर हड़ताल कर रहे हैं ड्राइवर?

उन्नाव से जिला संवाददाता अनुज तिवारी

नये कानून का विरोध करने वाले ड्राइवरों का कहना है की टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगी और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है।

राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता अब कानून बन चुका है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पैनल कोड (I P C) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे। लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से काफी विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध का कारण है हिट एंड रन का नया कानून? नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है साथ ही जुर्माना भी भरना होगा। देश के कई राज्यों में ट्रक चालक इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं। कुछ जगहों से चक्का जाम की भी खबरें आई हैं।

ऐसे में यह जानना जरूरी है की हिट एंड रन को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसे लेकर विरोध क्यों हो रहा है, और ट्रक ड्राइवरों का यह विरोध कितना जायज है।क्या होता है “हिट एंड रन”? ऐसे मामले जिनमें गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, उन मामलों को “हिट एंड रन” केस माना जाता है।

हिट एंड रन के मामले में कई बार घायल शख्स को अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाने या प्राथमिक इलाज मिलने पर बचाया भी जा सकता है। पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन के केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी।

क्या कहता है नया नियम? नया नियम कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा और जुर्माना देना पड़ेगा। कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्का जाम कर दिया है। न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो चालक भी इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं। नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे।

उनका कहना है कि नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त है इन्हें नरम किया जाए।क्यों सख्त किया गया कानून? आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती का कारण ये भी समझ आता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं की हिट एंड रन के मामलों में हर साल 50 हजार लोग जान गवांते हैं। विरोध करने वाले ड्राइवरों का तर्क है की टक्कर के बाद अगर वह मौके से भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगी। और अगर वह रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। अक्सर सड़क दुर्घटना के मामले में मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और गाड़ी चालक पर हमला कर देती है।

कई बार यह हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक ही नहीं रुकती और मामला मोब लीचिंग का रूप ले लेता है। नए कानून में अगर गाड़ी से टकराने वाला शख्स गलत तरीके से सड़क को पार करता है या गाड़ी के सामने आ जाता है तो ड्राइवर को अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ेगा। लेकिन अगर टक्कर गलत ढंग से गाड़ी चलाने की वजह से होती है तो ड्राइवर को 10 साल की जेल व जुर्माना देना पड़ेगा।।

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