उन्नाव:- एसपी ऑफिस में आग लगाने वाले परिवार की मदद, 50 हजार की सहायता, पक्का आवास मिला,27 दिसंबर को किया था एसपी ऑफिस परिसर में आत्मदाह!!


उन्नाव से जिला संवाददाता अनुज तिवारी
एसपी ऑफिस परिसर में पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव निवासी युवक के द्वारा करीब तेरह दिन पहले आत्मदाह के मामले में मृतक की पत्नी को प्रशासन द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों में 8 मांगों को पूरा कर विधायक, एसडीएम और सीओ ने प्रमाण पत्र सौंपे हैं।
विधायक ने कहा जो भी दोषी होगा। उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। बक्शा कोई भी नहीं जाएगा। विधायक ने पूर्व विधायक और सपा नेताओं पर निशाना साध कहा ये लोग केवल राजनैतिक रोटियां सेंकते हैं।पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव निवासी श्रीचंद्र पुत्र राम स्वरूप ने बीती वर्ष 27 दिसंबर को ज़मीनी विवाद को लेकर एसपी ऑफिस परिसर में आत्मदाह कर लिया था।
परिजनों ने प्रशासन द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन के बाद शव का दाहसंस्कार किया था। आश्वासन में प्रशासन ने मृतक की पत्नी के नाम भूमि विरासत, पीएम किसान सम्मान निधि, अंत्योदय राशन कार्ड, आबादी से सटी हुई 1260 वर्ग मीटर भूमि का पट्टा, मृतक की पत्नी की पेंशन, पीएम आवास, शौचालय, महिला बाल विकास द्वारा लाभ को पूरा किया हैं। तहसील सभागार में क्षेत्रीय विधायक अनिल सिंह, एसडीएम रनवीर सिंह, सीओ सोनम सिंह, तहसीलदार तरुण प्रताप सिंह और सप्लाई इंस्पेक्टर चंदा गुप्ता ने मृतक की पत्नी संध्या और पुत्र श्रेयांश को पूरी हुई मांगों के प्रमाण पत्र सौंपे हैं.
विधायक अनिल सिंह ने पचास हजार रुपए की अपने निजी कोश से भी आर्थिक सहायता राशि दी हैं। विधायक अनिल सिंह ने कहा मृतक की सीडीआर निकलवाई जा रही हैं। जिसने भी मृतक को आत्मदाह करने के लिए प्रेरित किया होगा उसकी जांच होगी और दोषी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच की जा रही है जो भी प्रशासनिक अधिकारी संलिप्त होगा जांच के आधार पर उसके भी विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। भाजपा की सरकार में बक्शा कोई नहीं जाता हैं विधायक ने क्षेत्र वासियों से अपील की हैं की इस तरह का घातक कदम कोई भी न उठाएं अगर प्रशासनिक अमला सुन नहीं रहा हैं तो मुझसे बताएं उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा विधायक ने सपा पर साधा निशाना…विधायक अनिल सिंह ने कहा सपाई ढोलक मजीरा लेकर पहुंच जाते हैं और राजनैतिक रोटियां सेंकते हैं पीड़ित परिवार की उन लोगों ने क्या सहायता की उन्होंने 10 रुपए तो दिया नहीं हैं। उन लोगों ने वहां आकर बैठ कर नौटंकी किया हैं सपाइयों की मानसिकता इतनी खराब है की किसी की मौत पर भी राजनीति करते हैं। विधायक ने कहा मैंने कभी किसी की मौत पर राजनीति नहीं की हैं।
13 दिन बाद भी पापा से मिलने की रट लगाए हैं मासूम श्रयांशमृतक श्रीचंद्र का 4 वर्षीय पुत्र मासूम श्रयांश अभी भी मां संध्या और चाचा मूल चंद्र से यही कह रहा हैं मुझे पापा के पास ले चलो। मुझे पापा के पास जाना हैं। पापा के चोट लगी थी पापा कहां हैं। ये सुनकर पूरा परिवार मायूस हैं घर के सभी लोग मासूम को समझा रहें हैं और यहीं आश्वासन दे रहे हैं पापा बाहर गए हैं आ जाएंगे।
संध्या के माथे से उजड़ा सिंदूर….मृतक के पिता राम स्वरूप बताते हैं कि संध्या घर की सबसे छोटी बहू हैं। घर में हमेशा खिली खिली रहने वाली और सबको हंसाने वाली सबसे छोटी बहू घर की रौनक थी।
उसके पैरों की पायल की झनक और उसकी मीठी आवाज़ के साथ सुबह भगवान की पूजा आरती की आवाज़ सुनकर हम लोग उठते थे लेकिन इस घटना के बाद से वो बिलकुल मायूस हो गई हैं और घर में अब किसी से बात चीत नहीं करती हैं गुमसुम बैठी रहती है और एकटक अपने बेटे श्रयांश को निहारा करती हैं पिता बताते हैं की बेटे की मौत के बाद से घर की हरी भरी बगिया उजड़ गई