17 साल की उम्र में पहला मर्डर, बना विधायक, चांद बाबा को निपटाया, अतीक अहमद की पूरी कहानी

प्रयागराज. प्रयागराज के चकिया मोहल्ले के एक तांगेवाले के बेटे अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने कम उम्र में ही जरायम की दुनिया में कदम रख दिया था. 10वीं में फेल होने के बाद अतीक पूरी तरह अपराध जगत में सक्रिय हो गया और महज 17 साल की उम्र में उस पर हत्या का पहला आरोप लगा. इसके बाद उसने कई अपराध किए. जब चकिया और उसके आसपास के इलाकों में उसका दबदबा और खौफ बढ़ गया तो उसने रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया. अतीक के पिता रेलवे स्टेशन पर तांगा चलाते थे. मगर 1979 में हाई स्कूल में फेल हो चुके अतीक पर जल्दी अमीर और ताकतवर शख्स बनने का जुनून सवार था.

अतीक ने पहले तो चकिया के आसपास के इलाकों में मारपीट और जबरन वसूली का काम शुरू किया. जल्द ही वह इलाके के आम लोगों में अपना डर और खौफ पैदा करने में सफल रहा. अतीक के बढ़ते दबदबे से चांद बाबा (Chand Baba) नाम का इलाहाबाद का एक पुराना गैंगस्टर खुश नहीं था. लोग उस समय पुराने इलाहाबाद शहर के इलाके में इस चांद बाबा से भी डरते थे. लोगों का कहना है कि जिस मोहल्ले में वह रहता था, वहां पुलिस अधिकारी भी घुसने से डरते थे. वहां पुलिस के अंदर घुसने पर बाबा के गुंडे पुलिस वालों को बेरहमी से पीटते थे.
पुलिस, प्रशासन और नेताओं के संरक्षण में बढ़ी अतीक की ताकत
महज 20 साल उम्र के अतीक ने चांद बाबा के गिरोह के सामने खुद की ताकत को साबित करने की पूरी कोशिश की. हालांकि, वह चांद बाबा से बहुत छोटा था और अपराध की दुनिया में उसे अनुभव की कमी थी. मगर अब कुछ पुलिस अधिकारी और इलाके के कुछ नेता उसे बढ़ावा दे रहे थे. वे प्रयागराज शहर में चांद बाबा के आतंक को कम करना चाहते थे. स्थानीय पुलिस, नेताओं और बदमाशों का यह गठजोड़ अतीक अहमद के अपराधों की लंबी सूची के पीछे की नींव थी, जिसके कारण अंततः उसकी हत्या हुई.