कैसरबाग बस स्टैंड की बदहाल सफाई व्यवस्था: लखनऊ स्मार्ट सिटी के दावों पर सवाल
Negligence at Lucknow's Kaiserbagh Bus Stand: How Smart is the City?
लखनऊ स्मार्ट सिटी: कैसरबाग बस स्टैंड पर सफाई की बदहाल व्यवस्था, लापरवाही के कारण गिर रही है साख
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी के रूप में उभारा जा रहा है, लेकिन कैसरबाग बस स्टैंड की गंदगी की विकराल समस्या से यह सपना धूमिल होता दिख रहा है। शहर के प्रमुख बस स्टैंड पर सफाई व्यवस्था की बदहाली ने लखनऊ की छवि को गिराने का काम किया है। स्थानीय लोग और बाहर से आने वाले यात्री गंदगी से परेशान हैं और प्रशासन की लापरवाही के चलते इस समस्या का सामना करने पर मजबूर हो रहे हैं।
कैसरबाग बस स्टैंड, जो लखनऊ की व्यस्ततम जगहों में से एक है, यहां पर रोज़ाना हजारों यात्री आते-जाते हैं। हालांकि, यहां की सफाई व्यवस्था इतनी खराब है कि यात्री गंदगी में कदम रखने पर मजबूर होते हैं। यह समस्या दिन पर दिन विकराल रूप धारण कर रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। लखनऊ के जोन 1 में सफाई को लेकर उदासीनता का माहौल बना हुआ है।
सफाई अभियान की पोल खोलती स्थिति
उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ नगर निगम द्वारा समय-समय पर चलाए जा रहे स्वच्छता अभियानों के बावजूद कैसरबाग बस स्टैंड की बदहाली प्रशासन की नाकामी को दर्शाती है। जोन 1 के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल साबित हो रहे हैं। प्रदेश में लगातार सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह साफ़ तौर पर दिख रहा है कि जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं है।
कौन है जिम्मेदार?
कैसरबाग बस स्टैंड की दुर्दशा का एक प्रमुख कारण यह है कि जोन 1 में ज़ोनल सफाई अधिकारी (ZSO) की नियुक्ति नहीं हुई है। ZSO की अनुपस्थिति से सफाई की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसियां अपने काम में लापरवाही बरत रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कब इन कार्यदाई संस्थाओं पर सख्ती की जाएगी और कब लखनऊ को उसकी पहचान वापस मिलेगी।
NSA ऑफिस की चुप्पी पर सवाल
कैसरबाग बस स्टैंड की बदहाल स्थिति को लेकर NSA ऑफिस भी सवालों के घेरे में है। उच्च स्तरीय जांच की उम्मीद लगाए बैठे लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर NSA ऑफिस इस मुद्दे पर चुप क्यों है। सफाई व्यवस्था में इस तरह की लापरवाही पर नजर बनाए रखने की जिम्मेदारी NSA की भी है, लेकिन फिलहाल ऐसा प्रतीत होता है कि वे भी आंखें मूंदे बैठे हैं।
सरकार की साख पर असर
लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के दावों के बीच कैसरबाग बस स्टैंड जैसी जगहों की स्थिति सरकार की साख को प्रभावित कर रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि सफाई अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जाए और संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलाया जाए। जब तक जिम्मेदार संस्थाओं पर सख्ती नहीं की जाएगी, तब तक लखनऊ का स्वच्छ पखवाड़ा महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा।
लखनऊ जैसे महत्वपूर्ण शहर में स्मार्ट सिटी का सपना तभी साकार हो सकता है जब सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए। कैसरबाग बस स्टैंड की हालत सुधरने की सख्त आवश्यकता है, ताकि आने वाले यात्रियों को एक साफ-सुथरा और व्यवस्थित लखनऊ मिले। प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।