फतेहपुर में Love Jihad का खुलासा: महिला और बच्चों पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव
"Love Jihad" in Fatehpur: Woman and Children Forced into Religious Conversion
फतेहपुर में लव जिहाद का मामला: महिला और बच्चों पर धर्म परिवर्तन का दबाव
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में Love Jihad के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार ने अवैध धर्मांतरण और धोखाधड़ी पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष कानून लागू किए हैं। बावजूद इसके, समाज में ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर उनके साथ धोखे की वास्तविकता को उजागर करती हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला फतेहपुर से सामने आया है, जिसमें एक हिंदू महिला को पहचान छिपाकर प्रेम के जाल में फंसाया गया और उस पर जबरन इस्लाम में धर्मांतरण का दबाव डाला गया।
घटना का विवरण:
पीड़िता मूल रूप से बदायूं की निवासी है, जो दिल्ली में रहती थी। फतेहपुर के मोहम्मद शादाब नामक शख्स ने अपना असली नाम और धर्म छिपाकर राजापाल के नाम से पीड़िता से नजदीकियां बढ़ाईं। लव जिहाद केस में, शादाब ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर संबंध बनाए, जिससे उनके दो बच्चे भी हुए। पीड़िता को उसकी असली पहचान तब पता चली, जब शादाब उसे फतेहपुर लेकर गया। वहां, शादाब के घर पर मुस्लिम रीति-रिवाज देखकर उसे पता चला कि शादाब ने उसके साथ छल किया है।
जब पीड़िता ने शादाब से उसकी असली पहचान छिपाने का कारण पूछा, तो उसने पीड़िता के साथ मारपीट की और धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। इतना ही नहीं, शादाब और उसके परिवार वालों ने उसे जबरन गाय का मांस खिलाने की कोशिश की और उसके बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने का दबाव डाला। शादाब और उसकी बहनों ने पीड़िता को गंदी गालियां दीं और उसे घर से बाहर निकाल दिया। यह घटना 21 अक्टूबर 2024 की है, जिसके बाद पीड़िता ने न्याय के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
FIR और कार्रवाई:
पीड़िता ने थाना कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करवाई, जिसमें उसने शादाब और उसके परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लव जिहाद कानून के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, और आरोपियों पर जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
लव जिहाद पर समाज और कानून की स्थिति:
हिन्दू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर धोखाधड़ी के इन मामलों ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लव जिहाद या रोमियो जिहाद के नाम पर महिलाओं के जीवन को प्रभावित करने वाली इन घटनाओं पर सरकार सख्त है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी धोखाधड़ी और ज़बरदस्ती को पूरी तरह रोका जा सकता है?
इस घटना ने फिर से इस बात पर प्रकाश डाला है कि पहचान और धर्म के नाम पर छल कैसे महिलाओं के जीवन को बर्बाद कर रहा है। क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा? क्या शादाब और उसके परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी? यह सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं, बल्कि समाज की उन कमजोरियों की ओर इशारा करता है, जो जिहाद साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि समाज और कानून व्यवस्था को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर पीड़ित को न्याय मिले, चाहे उसका धर्म या जाति कोई भी हो। Love Jihad के इन मामलों को रोकने के लिए समाज और सरकार को मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे। यह घटना दिखाती है कि महिलाओं को धोखाधड़ी और ज़बरदस्ती से बचाने के लिए सख्त कानून और उनका कड़ाई से पालन आवश्यक है।