जंघई-उग्रसेनपुर रेलपथ का दोहरीकरण और विद्युतीकरण: संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण
उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के जंघई जं.-बरियाराम-उग्रसेनपुर रेलखंड के 14.62 किमी लंबे रेलपथ पर दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया गया। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस), उत्तर परिमंडल, श्री दिनेश चंद देशवाल ने इस परियोजना का गहन निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, जंघई से उग्रसेनपुर तक रेल मार्ग दोहरीकृत और विद्युतीकृत हो जाएगा, जिससे ट्रेनों के परिचालन में सुधार और संरक्षा में वृद्धि होगी।
परियोजना का महत्व: समयपालन और दुर्घटनाओं में कमी
इस दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद जंघई से फाफामऊ जं. तक कुल 46.79 किमी का रेलखंड अब अधिक संरक्षित और सुगम होगा। विशेष रूप से जंघई जं. से उग्रसेनपुर तक का 14.62 किमी हिस्सा अब दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत हो जाने के बाद इस खंड पर ट्रेनों के संचालन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। इससे न केवल ट्रेनों के समयपालन में सुधार होगा बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी, जिससे संरक्षा में बढ़ोतरी होगी।
रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण और सुझाव
निरीक्षण के दौरान, सीआरएस श्री दिनेश चंद देशवाल ने जंघई जं., बरियाराम और उग्रसेनपुर स्टेशनों पर कई महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधाओं का निरीक्षण किया। इनमें स्टेशन की नई बिल्डिंग, रिले रूम, IPS रूम, संरक्षा संबंधी कार्यालय और अभिलेखों की जांच की गई। इसके अलावा, संरक्षा मानकों के अनुरूप संसाधनों और उपकरणों का भी परीक्षण किया गया।
रेलपथ सहित अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं का निरीक्षण मोटर ट्रॉली द्वारा किया गया। श्री देशवाल ने जंघई जं. से उग्रसेनपुर तक के मार्ग में आने वाले लेवल क्रॉसिंग, वरुणा नदी पर बने पुल और सिग्नलिंग व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सभी संरक्षा प्रक्रियाओं को ध्यान से देखा गया और सुधार हेतु निर्देश दिए गए।
पौधारोपण और स्थानीय संवाद
निरीक्षण के दौरान जंघई जं., बरियाराम और उग्रसेनपुर स्टेशनों पर सीआरएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पौधारोपण भी किया, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बरियाराम स्टेशन पर मंडल रेल प्रबंधक, श्री एस.एम. शर्मा ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना, जिससे रेलवे और जनता के बीच बेहतर संबंध बन सके।
स्पीड ट्रायल और संरक्षा नियमों का पालन
निरीक्षण के बाद, उग्रसेनपुर से जंघई के मध्य स्पीड ट्रायल किया गया, जिसमें रेल परिचालन की संरक्षा और समयपालन पर जोर दिया गया। सीआरएस ने इस दौरान संरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
परियोजना की विशेषताएं और लाभ
- दोहरीकरण और विद्युतीकरण: रेल मार्ग का दोहरीकरण और विद्युतीकरण पूरा होने के बाद ट्रेनों की गति और आवृत्ति में सुधार होगा।
- समयपालन में वृद्धि: दोहरीकृत ट्रैक पर अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा, जिससे ट्रेनों की समयपालन में वृद्धि होगी।
- संरक्षा में सुधार: संरक्षित ट्रैक और नई सिग्नलिंग व्यवस्था से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
- पारिस्थितिकीय संतुलन: पौधारोपण जैसे उपाय पर्यावरण की सुरक्षा और हरियाली को बढ़ावा देते हैं।
रेल संरक्षा आयुक्त के निर्देशों और सुझावों के बाद, इस परियोजना को तेजी से पूर्ण करने पर ध्यान दिया जाएगा। यह परियोजना भारतीय रेलवे के उन प्रयासों का हिस्सा है, जो संरक्षा, समयपालन और परिचालन में सुधार के लिए किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, स्थानीय समुदायों के साथ संवाद और उनके सुझावों को ध्यान में रखते हुए, भविष्य की योजनाओं को बेहतर बनाया जाएगा।