Swachh Bharat Mission: कागजी सफाई में उलझे लखनऊ के 33 वार्ड | सफाई के नाम पर सिर्फ कागज़ी धूल उड़ रही
Cleaning Controversy in Lucknow: 33 Wards Stuck Between Tenders and Delays

Swachh Bharat Mission: लखनऊ के 33 वार्डों की सफाई का मामला आजकल किसी बॉलीवुड की सस्पेंस फिल्म से कम नहीं लग रहा। लायन सिक्योरिटी और नेचर ग्रीन के ज्वाइंट वेंचर ने 14 अगस्त को टेंडर तो जीत लिया, लेकिन सफाई का झाड़ू अभी तक विवादों की धूल में फंसा हुआ है।
कहानी में ट्विस्ट तब आया जब लायन सिक्योरिटी पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगा। जांच हुई, रिपोर्ट कंपनी के पक्ष में आई,लखनऊ नगर निगम ने शासन से अनुमति मांगी, और अब शासन सोच रहा है। कितना सोच रहा है? इतना कि एक महीना गुजर गया, लेकिन आदेश अभी तक “प्रस्ताव पर विचाराधीन है” की स्थिति में है।
इधर लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड, जो 77 वार्डों में काम कर रही है, बस डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करके संतुष्ट है। बाकी की सफाई का जिम्मा अब भी पुरानी संस्था निभा रही है। यानी, नई कंपनी “सिर्फ कूड़ा ले जाऊंगी, झाड़ू मैं नहीं लगाऊंगी” के मंत्र पर काम कर रही है।
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अब सवाल यह है कि 33 वार्डों की सफाई कब पटरी पर आएगी? शायद तब, जब शासन से अनुमति का ट्रैक बदलकर सही दिशा में आ जाए। वैसे, फिलहाल तो शहर के नागरिक यही सोच रहे हैं कि “कूड़े के अंबार पर कोई मंथन तो हो रहा है।”
क्या पता, शासन की अनुमति के इंतजार में Swachh Bharat Mission सफाई का जिम्मा चंद्रयान-3 के अगले मिशन तक न चला जाए! तब तक नागरिकों से अनुरोध है, “कूड़ा फेंकते रहिए, शासन सोच रहा है।”