राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 146266 वादों का निस्तारण
मथुरा।आज शनिवार को जनपद न्यायालय मथुरा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।इस राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता माननीय जनपद न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव भारती जी द्वारा की गई।इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय मथुरा डॉ. विदुषी सिंह,पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण,श्री रणधीर सिंह,अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत श्री विमल प्रकाश शुक्ला सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण,कर्मचारीगण,अधिवक्तागण,बैंक,मोबाइल,फाइनेन्स कम्पनियों के अधिकारीगण,वादकारीगण,पराविधिक स्वयंसेवकगण आदि उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ माननीय जनपद न्यायाधीश श्री राजीव भारती जी द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया।राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट तहसील स्तर पर कुल 220094 वाद निस्तारण हेतु नियत किये गये,जिनमें से एक लाख छियालीस हजार दो सौ छियासठ वाद का निस्तारण किया गया।श्री राजीव भारती न्यायाधीश द्वारा एक इजराय वाद का निस्तारण कर मु० 33,172/- रूपये की डिक्री धनराशि वसूली गई तथा 31 सिविल वाद व 11 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया।डॉ विदुषी सिंह,प्रधान न्यायाधीश,परिवार न्यायालय मथुरा द्वारा 47 पारिवारिक वाद तथा श्री अरविन्द कुमार शुक्ला अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा 17 पारिवारिक वादों का निस्तारण किया गया।डा०विदुषी सिंह,प्रधान न्यायाधीश,परिवार न्यायालय मथुरा द्वारा पति-पत्नी के 5 जोड़ों जिनके मध्य काफी समय से पारिवारिक विवाद चल रहा था तथा कभी साथ रहने को तैयार नहीं थे को अपने प्रयासों से एक साथ पारिवारिक जीवन व्यतीत करने को सहमत किया गया तथा इन जोड़ों को न्यायालय में एक-दूसरे को माला पहनाकर खुशी-खुशी विदा किया गया।सभी जोड़े हँसते व खुश होकर न्यायालय से अपने घर को गये।मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों में श्री रणधीर सिंह पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण,मथुरा द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों से सम्बंधित 79 वादों का निस्तारण कर मु० 4,86,07,000/- रुपये (चार करोड छियासी लाख सात हजार रूपये मात्र) की प्रतिकर राशि पीड़ित पक्षकारों को दिलाये जाने के आदेश पारित किये गये तथा 02 प्रकीर्ण वादों का निस्तारण किया गया।फौजदारी न्यायालयों द्वारा फौजदारी से सम्बंधित 7670 वादों का निस्तारण कर रू 15,50,694/- रुपये का अर्थदण्ड वसूला गया।अतिरिक्त न्यायालय (धारा 138 एन.आई.एक्ट) द्वारा 101 वादों का निस्तारण कर मु० 3,89,27,050/ (तीन करोड़ नवासी लाख सत्ताईस हजार पचास रुपये मात्र) का भुगतान पक्षकारों को करने के आदेश पारित किये गये।69 व्यवहारिक वाद, 28 विद्युत अधिनियम वाद,896 विद्युत अधिनियम अंतिम आख्या,177 अंतिम आख्या,10 श्रम वाद तथा 33 अन्य प्रकार के वादों का निस्तारण किया गया।राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों मोबाइल कम्पनियों द्वारा निस्तारण हेतु लगाये गये प्री-लिटिगेशन वादों में 570 वादों का निस्तारण कर 2,72,52,065/- रूपये (दो करोड वहत्तर लाख बावन हजार पेंसठ रूपये मात्र) वसूले गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित बैंक / मोबाइल व फाइनेन्स कम्पनियों की स्टॉलों पर जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा स्वयं जाकर पक्षकारों को व्यक्तिगत रूप से सुना गया तथा पक्षकारों के मामलों के निस्तारण हेतु उपस्थित बैंक अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। प्रशासनिक न्यायालयों/विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर 136519 वादों का निस्तारण किया गया। वैवाहिक वादों के निस्तारण हेतु प्राप्त प्री-लिटिगेशन प्रार्थनापत्रों में से पीठ द्वारा 05 प्री-लिटिगेशन प्रार्थनापत्रों का निस्तारण श्री अरविन्द कुमार शुक्ला, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय मथुरा तथा श्री तनवीर अहमद एडवोकेट की पीठ द्वारा किया गया।राष्ट्रीय लोक अदालत के अंत में नोडल अधिकारी / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मथुरा श्री देवकान्त शुक्ला तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया गया।