शिक्षा की रोशनी से चमका तरौद स्कूल: युक्तियुक्तकरण योजना के तहत मिली 4 नए शिक्षकों की सौगात

रायपुर, छत्तीसगढ़ | June 2025
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक छोटे से गांव तरौद में शिक्षा को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। कभी शिक्षक की भारी कमी से जूझ रहे इस स्कूल में अब युक्तियुक्तकरण योजना के तहत चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इस पहल ने न केवल स्कूल बल्कि पूरे गांव में शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा भर दी है।
तरौद स्कूल शिक्षक नियुक्ति से बच्चों में दिखा उत्साह
60 से अधिक छात्रों वाला शासकीय हाईस्कूल तरौद पिछले दो वर्षों से केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहा था। इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति ने इस स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है।
अब बच्चों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और हिंदी जैसे प्रमुख विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे। इससे न केवल पढ़ाई नियमित होगी, बल्कि उसकी गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
क्या है युक्तियुक्तकरण योजना?
युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) छत्तीसगढ़ सरकार की एक शिक्षा सुधार योजना है, जिसके अंतर्गत संसाधनों और शिक्षकों का पुनर्वितरण कर असमानता को दूर किया जाता है। इससे उन स्कूलों को प्राथमिकता मिलती है, जहाँ शिक्षक अनुपात न्यूनतम होता है।
तरौद हाईस्कूल को इस योजना का लाभ मिलने से यह स्पष्ट है कि शासन की प्राथमिकता गांव-गांव तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है।
अभिभावकों और पंचायत प्रतिनिधियों ने जताई खुशी
ग्राम सरपंच श्री धर्मेंद्र कुमार रामटेके ने शिक्षक नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“हम वर्षों से इस बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग का आभार।“
जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्रीमती महेश्वरी ठाकुर ने कहा,
“शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है। शासन ने इसे बहाल किया है। अब गांव की हर बेटी और बेटा बिना रुकावट बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।“
बच्चों में बढ़ी पढ़ाई की ललक
स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति की खबर मिलते ही छात्रों के चेहरे पर उत्साह और उम्मीद की चमक साफ दिखाई दी। बच्चों को अब हर विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक मिलेंगे — यह उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं। छात्र अब डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी बनने के सपने देख रहे हैं।
शिक्षा की नई सुबह बना तरौद गांव

अब तरौद केवल एक गांव नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधारों का प्रतीक बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शिता और योजनाबद्ध नीति युक्तियुक्तकरण के कारण न केवल तरौद, बल्कि पूरे बालोद जिले के स्कूलों में बदलाव की लहर दौड़ रही है।
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है:
“हर स्कूल में शिक्षक हों, और हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।”
जब शिक्षा की रौशनी दूरदराज के गांवों तक पहुंचती है, तो उसका प्रभाव केवल कक्षा तक सीमित नहीं रहता — वह पूरे समाज को एक नई दिशा देता है।