अतिक्रमण हटाओ या बढ़ाओ? जोन-3 में नगर निगम की ‘कमाई योजना’ पर जोर, सड़कें बनीं कमाई का नया अड्डा!
Discover how the कमाई योजना in Nagar Nigam Zone-3 is converting public streets into profit centers
लखनऊ नगर निगम जोन-3: अतिक्रमण महोत्सव का रंगारंग आयोजन, सजेंगी सड़कें, भरेगी जेब!
लखनऊ के नगर निगम जोन-3 में अतिक्रमण का खेल अपने चरम पर है। जहां एक ओर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की योजनाएं बनाई गई थीं, वहीं दूसरी ओर यह योजना अब ‘कमाई’ के अड्डे में बदल गई है। सड़कों और फुटपाथों पर कब्जे बढ़ते जा रहे हैं, और नगर निगम अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
सड़कों पर अतिक्रमण का जलवा
सीतापुर रोड स्थित गल्ला मंडी पुलिस चौकी, सौभाग्य लॉन, और एल्डिको तक के फुटपाथ और सड़कें पूरी तरह से ठेलेवालों और दुकानदारों के कब्जे में हैं। ये अतिक्रमण न केवल सड़कों को संकुचित कर रहे हैं, बल्कि जनता के लिए मुश्किलें भी पैदा कर रहे हैं। पैदल चलने वालों के लिए अब सड़कों पर चलना किसी जंग के मैदान से कम नहीं है।
नगर निगम जोन-3 में चौतरफा अतिक्रमण का बोलबाला…सीतापुर रोड स्थित गल्ला मंडी पुलिस चौकी, सौभाग्य लाॅन व एल्डिको तक फुटपाथ और सड़क पर कब्जा…आधी सड़क ठेलेवालों के कब्जे में, आधी सड़क राहगीरो के लिए…नगर निगम अफसरों को नहीं होश
‘दिवाली कमाई योजना’ पर जोर
इस बार दिवाली केवल दीयों की रोशनी और लाइट्स तक सीमित नहीं रहेगी। नगर निगम के अधिकारी, जैसे सीएल पटेल, पर आरोप लग रहे हैं कि वे अतिक्रमण हटाने के बजाय अतिक्रमणकारियों से वसूली में जुटे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, अतिक्रमण हटाने के काम के लिए 89 दिनों का पत्र जारी हुआ है, लेकिन यह केवल दिखावा है। असल में यह पत्र वसूली अभियान को बढ़ावा देने के लिए ही जारी किया गया है।
अतिक्रमण महोत्सव की तैयारी?
अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो लखनऊ की सड़कों पर जल्द ही ‘अतिक्रमण महोत्सव’ का ऐलान हो सकता है। नगर निगम की ‘संरक्षण योजना’ के तहत, सड़कें और फुटपाथ ठेलेवालों और दुकानदारों के कब्जे में हैं, और उनकी कमाई भी लगातार बढ़ रही है।
नगर निगम की निष्क्रियता
नगर निगम के अधिकारी, जिनकी जिम्मेदारी शहर को अतिक्रमण मुक्त करना है, वे अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। ठेले वाले और दुकानदार अपनी मनमानी करते जा रहे हैं, और जनता परेशान है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या नगर निगम वास्तव में अतिक्रमण हटाने में सक्षम है या फिर उनकी ‘कमाई योजना’ का यह हिस्सा बन चुका है?
लखनऊ के जोन-3 में इस अराजक स्थिति ने जनता को असमंजस में डाल दिया है। नगर निगम की निष्क्रियता और अधिकारियों की मिलीभगत ने सड़कों को अतिक्रमण का नया ठिकाना बना दिया है।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर चल रहा यह अभियान अब केवल कागजों में सिमट कर रह गया है। सड़कों पर अतिक्रमणकारियों की बढ़ती ताकत और नगर निगम अधिकारियों की निष्क्रियता ने जनता की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि क्या लखनऊ के जोन-3 में यह स्थिति सुधरती है या फिर अतिक्रमणकारियों की कमाई जारी रहती है।