शिक्षक की तानाशाही के चलते बच्चो की शिक्षा अंधकार मेमामला जिला शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में नही कोई कार्यवाहीदतिया=म.प्र.सरकार ने बच्चो की शिक्षा को ध्यान में रख 50%बच्चों के साथ विद्यालय खोलने की अनुमति दी है साथ ही सभी शिक्षकों को उपस्थित होना अनिवार्य किया है!क्योंकि प्रदेश सरकार का भी मानना है कि भारत का भविष्य बच्चों में निहित है!किंतु कुछ शिक्षकों की लापरवाही के चलते बच्चों को शिक्षा के लिए मायूस होना पड़ता है!ऐसा ही एक मामला दतिया जिले के ग्राम उदगुवा संकुल स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से आ रहा है जहां प्रीति कुचिया नामक शिक्षिका शिक्षा से जुड़ी हुई जिम्मेदारी से पीछे भागती हुई नजर आ रही है!==प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में कक्षा नवी एवं दसवीं की कक्षा में शिक्षक द्वारा इंग्लिश का विषय नहीं पढ़ाया जा रहा है जिससे बच्चों की शिक्षा हो रही है प्रभावित जब इस समस्या को लेकर बच्चों एवं प्राचार्य द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भी बताया गया लेकिन नहीं लिया गया अभी तक कोई भी संज्ञान!बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित को लेकर मामला जब मीडिया के पास पहुंचा तो मीडिया की टीम ने जाकर विद्यालय का किया निरीक्षण इस दौरान बच्चों एवं प्राचार्य से शिक्षक के व्यवहार को लेकर वार्तालाप की गई तो उन्होंने जो सच था वह बताया जब संवाददाता द्वारा__शिक्षक प्रीति से बात की गई तो वह मीडिया के सवालों का नहीं दे पाए जवाब अपनी जिम्मेदारी को लेकर गोल मटोल करती आई नजर!जब संवाददाता लोकेश मिश्रा द्वारा पूछा गया तो शिक्षिका का आया बेतुका बयान सामने शिक्षिका बोली मेरे ऊपर कार्य का भार है अतिरिक्त टीचर रख ले जबकि 50% बच्चों के साथ क्लास चलाई जा रही हैं फिर कैसा भार???अब देखना होगा खबर दिखाने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदारी को निभाते हुए क्या निर्णायक कदम उठाते हैं बच्चों के भविष्य को देखते हुए!