वृन्दावन: अक्षय पात्र चंद्रोदय मंदिर में चोरी करते माल सहित पकड़ा गया अज्ञात युवक,रिपोर्ट दर्ज
मथुरा।जनपद मथुरा के वृंदावनधाम में विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर चंद्रोदय स्थित अक्षय पात्र वृन्दावन का निर्माण कार्य (कंस्ट्रक्शन) विभिन्न कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है।आपको बता दें कि सोमवार के दिन चंद्रोदय मंदिर अक्षय पात्र में निर्माणधीन कार्य के दौरान पीडी इंजरिंग इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर धीरज कुमार सैनी एवं पवन चौधरी ने साइट पर एक अज्ञात व्यक्ति को विला निर्माण कार्य से बिजली के तारों को काटकर चोरी करके ले जाते समय पकड़ लिया।जिसके बाद अक्षय पात्र परिसर में चोरी की घटना से हड़कंप मच गया और तत्काल इसकी सूचना संबंधित जैत थानाध्यक्ष को दी गई।पकड़े गए अज्ञात युवक से जानकारी करने पर उसने अपना नाम दुष्यंत पुत्र जगदीश वर्मा निवासी नगला भूपतपुर थाना अनूपशहर जिला बुलंदशहर बताया है।कंपनी के डायरेक्टरों द्वारा पकड़े गए अज्ञात व्यक्ति को चोरी किए गए माल सहित थाना जैत ले जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
चंद्रोदय मंदिर अक्षय पात्र परिषद में यह चोरी की पहली घटना नहीं है इससे पूर्व भी कई बार चोरी की घटनाएं सामने आई है आपको बता दें कि हाल ही में कुछ समय पूर्व इंफिनिटी कंपनी के द्वारा भी एक बड़ी चोरी की घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।मंदिर परिसर में हुई चोरी की घटना को संज्ञान में लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा डॉ गौरव ग्रोवर ने टीम गठित कर चोरी किए हुए माल के साथ अभियुक्त को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था।
चंद्रोदय मंदिर सिक्योरिटी की सुरक्षा पर बड़ा सवाल:
विश्व के प्रसिद्ध चंद्रोदय मंदिर स्थित अक्षय पात्र वृन्दावन के मंदिर/विला निर्माणधीन परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त सिक्योरिटी लगाई गई हुई है।जब कोई व्यक्ति निर्माणाधीन विला/मंदिर परिसर में प्रवेश करता है तो कंपनी सिक्योरिटी गार्डो द्वारा गहन पूछताछ के बाद उसे संबंधित मंदिर सेवायतों से मिलने से पूर्व फोन कॉल की स्वीकृति के बाद ही व्यक्ति को परिसर में प्रवेश दिया जाता हैं और यदि सेवायत किसी व्यक्ति से मिलने से इंकार कर देते हैं तो सिक्योरिटी द्वारा उसे अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता है।इतनी सख्त सिक्योरिटी होने के बावजूद चोरी की घटनाएं होना कंपनी सिक्योरिटी गार्डो की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा हैं।कंपनी सिक्योरिटी गार्ड द्वारा ऐसे व्यक्तियों को किस तरह प्रवेश दिया जाता है यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।कंपनी सिक्योरिटी गार्ड यदि अपनी जिम्मेदारी से ड्यूटी करते हैं तो ऐसे व्यक्ति निर्माणाधीन मंदिर परिसर में कैसे पहुंच जाते हैं।वही चोरी की घटना को अंजाम देकर अज्ञात व्यक्ति चोरी किए गए माल को इतनी सख्य सिक्योरिटी होने के बावजूद कैसे लेकर बाहर आसानी से निकल जाते हैं।यदि दिन प्रतिदिन इसी तरह अक्षय पात्र परिसर में चोरी की घटनाएं इसी तरह बढ़ती रहेगी तो निर्माणधीन कंपनियों को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।अब देखना होगा मंदिर सेवायत इस चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए आगे क्या कदम उठाएंगे।