Welcome to Soochna India   Click to listen highlighted text! Welcome to Soochna India
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)मथुरा

मथुरा में धूमधाम से आयोजित किया जायेगा महर्षि गौतम जयंती महोत्सव,विशाल शोभायात्रा एव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

मथुरा।जनपद मथुरा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 मार्च बुधवार को महर्षि गौतम जयंती महोत्सव बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जायेगा।महोत्सव समिति द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. एस.एस.गौतम (जनरल फिजीशियन) ने बताया की मथुरा में महर्षि गौतम जयंती की शोभायात्रा 22 मार्च बुधवार को बजरंग धर्मकांटा से प्रारम्भ होकर ब्रज विहार वाटिका कंकाली पर सम्पन्न होगी।शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार की झांकिया निकाली जाएंगी।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अलीगढ़ के सांसद श्री सतीश गौतम जी होंगे।उनकी उपस्थिति में सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।पदाधिकारियों द्वारा शाम को ब्रज वाटिका कंकाली मथुरा पर मेधावी छात्र छात्राओं का सम्मान समारोह किया जाएगा उसके उपरांत प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।

महर्षि गौतम सप्तर्षियों में से एक:

महर्षि गौतम जी की के बारे में बताया जाता हैं कि महर्षि गौतम सप्तर्षियों में से एक हैं।वे वैदिक काल के एक महर्षि एवं मन्त्रद्रष्टा थे।ऋग्वेद में उनके नाम से अनेक सूक्त हैं।पौराणिक कथाओं के अनुसार पत्नी अहिल्या थीं जो प्रातःकाल स्मरणीय पंच कन्याओं गिनी जाती हैं।अहिल्या ब्रह्मा की मानस पुत्री थी जो विश्व मे सुंदरता में अद्वितीय थी।हनुमान की माता अंजनी गौतम ऋषी और अहिल्या की पुत्री थी।दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने देवताओं द्वारा तिरस्कृत होने के बाद अपनी दीक्षा गौतम ऋषि से पूर्ण की थी।ऋषिओं के इर्श्या वश गोहत्या का झूठा आरोप लगाने के बाद बारह ज्योतिर्लिंगों मैं महत्वपूर्ण त्रयम्बकेश्वर महादेव नाशिक भी गौतम ऋषि की कठोर तपस्या का फल है जहाँ गंगा माता गौतमी अथवा गोदावरी नाम से प्रकट हुईं।उत्तरप्रदेश की गोमती नदी भी ऋषि गौतम के ही नाम से विख्यात है।इसके अतिरिक्त राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में स्तिथ गौतमेश्वर महादेव तीर्थ में स्तिथ मंदाकिनी गंगा कुंड के बारे में भी मान्यता है कि इसी कुंड में स्नान करने के पश्चात महर्षि गौतम को गौ हत्या के दोष से मुक्ति मिली थी इसके पश्चात महर्षि गौतम ने यहाँ महादेव की आराधना करके एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट किया था जो आज भी उन्ही के नाम पर गौतमेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Click to listen highlighted text!