Welcome to Soochna India   Click to listen highlighted text! Welcome to Soochna India
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)मथुरा

मजदूरों को मिलेगा श्रम योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ: सहायक श्रमायुक्त मथुरा

मथुरा(राहुल गौड़)।आज के दिन विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है।मजदूर दिवस पर मजदूरों के अधिकारों और उनके सर्वागीण विकास को महत्व दिया जाता है।इसी क्रम में चाइल्डलाइन तथा श्रम विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एसजीएम पब्लिक स्कूल में मजदूर दिवस पर एक गोष्टी का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में लगभग 70 से 80 मजदूरों द्वारा प्रतिभाग किया गया। एम एल पाल सहायक श्रमायुक्त मथुरा ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के हित मे कई योजनाएं चलाई जा रही है।जिनका लाभ श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों को दिया जाता है।श्रम विभाग द्वारा मजदूरों की कन्याओं के विवाह,उनके बच्चो की पढ़ाई,आकस्मिक निधन पर बीमा रकम आदि जैसी योजनाए संचालित है।श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत मजदूरों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान भी है।बिन्देश शर्मा प्रबंधक एसजीएम पब्लिक स्कूल मथुरा ने बताया कि सरकार द्वारा तय मिनिमम वेजेस के अनुसार भी मजदूरों को मजदूरी नही मिल रही है।साथ ही मजदूरों से आठ घण्टे से अधिक कार्य कराया जाता है।जोकि सरकार के नियमों तथा कानून का खुला उल्लंघन है।अतः मजदूरों को मिनिमम वेजेस के अनुसार मजदूरी मिले तथा उनके अधिकारों का हनन करने वाले लोगो के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए।कृष्ण कुमार सैनी एवं अंकित कुमार सविता सदस्य चाइल्डलाइन मथुरा  ने बताया कि दुनिया भर की समाजवादी और श्रमिक पार्टियों के संगठन द्वितीय अंतरराष्ट्रीय ने साल 1889 के पेरिस सम्मेलन में मज़दूरों के हक़ों की आवाज़ बुलंद करने के लिए 1 मई का दिन चुना था।इसके बाद 1889 से लेकर 1890 तक अलग अलग देशों में मज़दूरों ने प्रदर्शन किए। ब्रिटेन के हाइड पार्क में 1890 की पहली मई को तीन लाख मज़दूरों आठ घंटे काम की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे।जैसे-जैसे वक्त बीता ये दिन श्रमिकों के बाकी अधिकारों की तरफ ध्यान दिलाने का भी एक मौका बन गया।प्रमोद कुमार एवं कृष्ण कुमार सैनी सदस्य चाइल्डलाइन मथुरा ने बताया कि भारत में मज़दूर दिवस साल 1923 के बाद से मनाया जा रहा है।दुनिया में सबसे ज़्यादा बंधुआ मज़दूर भारत में हैं।विश्व ग़ुलामी सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में भारत में 80 लाख लोग “आधुनिक गुलामी” में जी रहे थे।यानी औसतन एक हज़ार भारतीयों में से छह को अपने काम का मेहनताना नहीं मिल रहा था।हालांकि भारत सरकार ने इन आँकड़ों पर सवाल उठाए हैं। चाइल्ड लाइन द्वारा निरन्तर बच्चो तथा मजदूरों को जागरूक किया जा रहा है।शिव कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि अगर आप किसी भी मजदूर के साथ अन्याय होता देखते है।तो तत्काल 112 अथवा AHTU को सूचित करें।साथ ही बाल विवाह,बाल मजदूरी,बंधुअ मजदूरी,मानव तस्करी आदि के मामलों की सूचना चाइल्डलाइन के टोल फ्री न 1098 अथवा AHTU को दे सकते है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Click to listen highlighted text!