चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि!!
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि का आरंभ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में ही घटस्थापना जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग- अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करना अति महत्वपूर्ण है।
आइए जानते हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, घटस्थापना की विधि और महत्व…
मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक पंचक रहने वाले हैं इसलिए घटस्थापना इस समय या इससे पहले करना संभव नहीं है। इसके बाद 9 बजकर 11 मिनट से अशुभ चौघड़िया रहेगा। इसलिए घट स्थापना शुभ चौघड़िया यानी 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इसलिए इस दौरान घटस्थापना की जा सकती है। घटस्थापना के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है।
अभिजीत मुहूर्त का आरंभ 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। सबसे उत्तम मुहूर्त कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त ही है दरअसल, अभिजीत मुहूर्त के दौरान वैघृत और अश्विनी नक्षत्र का शुभ संयोग भी रहने वाला है।
कलश स्थापना पूजन सामग्री…
कलश स्थापना करने के लिए सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश, नारियल, लाल चुनरी, हल्दी, अक्षत, लाल रंग का वस्त्र, सिक्का, पंच पल्लव, सुपारी, शहद, गंगाजल, पंच पल्लव, रोली, जौं के बीज, लाल कपड़ा।
1. नवरात्रि में सुबह जल्दी उठें। इसके बाद स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने घर के मंदिर को अच्छे से स्वच्छ कर लें।
2. मंदिर की साफ सफाई के बाद उसे अच्छे से फूलों से सजाएं।
3. घट स्थापना के लिए सबसे पहले कलश में पानी भरकर रख दें। इसके बाद कलश में सिक्का, सुपारी, गंगाजल, शहद और आम के पत्ते रखें।
4. इसके बाद नीचे मिट्टी को फेला ल आर अष्टदल बनाएं।
5. फिर नारियल को एक लाल कपड़े में बांधकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें।
6. कलश पर स्वास्तिक जरुर बनाएं। साथ मिट्टी के बर्तन में जौं भी जरूर बो दें।