कोई भी किसान पराली न जलाये: उप कृषि निदेशक
मथुरा।उप कृषि निदेशक राम कुमार माथुर ने किसान भाइयों से अपील की है कि धान की पराली को खेतों में न जलायें बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि हेतु पादप अवशेषों को मृदा में मिलावें,सडावायें।पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि इसका मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।कुछ किसान भाई इस भ्रम में रहते हैं कि रात्रि में या सुबह पराली/फसल अवशेष में आग जलाने पर किसी को पता नहीं चलेगा। इस विषय में अवगत कराया है कि पराली को जलाने की सूचना उपग्रह द्वारा 24 घंटे रीयल टाइम फोटो सहित प्रेषित की जाती है। इसलिए कोई सम्भावना नहीं है कि पराली जलाने की घटना को छुपाया जा सके।प्रत्येक घटना के सटीक अक्षान्तर,देशान्तर उपग्रह इमेज के द्वारा जिला प्रशासन को कार्यवाही हेतु उसी दिन उपलब्ध करा दिये जाते हैं।
इसके अतिरिक्त विभिन्न गौशाला संचालकों द्वारा स्वयं के संसाधनों से निराश्रित व बेसहारा गौवंश के चारे हेतु पराली का एकत्रीकरण भी किया जा रहा है।पराली को जलायें नहीं बल्कि अपने क्षेत्र की निकटम गौशालाओं से सम्पर्क कर पराली का उठान करा दें।