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कानपुर:- कैंसर के लक्षण होने पर स्क्रीनिंग ना कराना कैंसर बढ़ने का है प्रमुख कारण।

विश्व कैंसर दिवस

पोषण में कमी, अनियमित जीवनशैली के साथ योगा व व्यायाम ना करने से बढ़ रहे कैंसर की ओर कदम। यदि महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ दबाने पर ना हिले व दर्द ना हो तो हो सकता है कैंसर का लक्षण। 80 वर्ष के आरआर मोहन ने अपनी इच्छाशक्ति से दो बार कैंसर पर पायी विजय।

रेडियोथैरेपी व कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को दूर करती होम्योपैथी दवाएं। प्रदूषण, रेडिएशन व कीटनाशक बढ़ा रहे हैं कैंसर रोग। महिलाओं में लंबे समय तक अनियमित एवं बदबूदार मासिक स्राव का आना हो सकता है गर्भाशय कैंसर का लक्षण। युवाओं को सिगरेट, शराब एवं पान मसाले का सेवन धकेल रहा फेफड़े, लीवर एवं मुख के कैंसर की ओर।
आरोग्यधाम ग्वालटोली में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन एवं डॉ आरती मोहन ने कैंसर की रोकथाम, उपचार एवं इससे ना घबराने की सलाह देते हुए कानपुर वासियों को इस के बहिष्कार के साथ इस से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया।

आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन ने बताया कि शुरुआती लक्षणों में कैंसर का पता लगने पर होम्योपैथिक दवा द्वारा बिना किसी दुष्प्रभाव द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है। आरोग्यधाम की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरती मोहन ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ एवं मासिक धर्म लंबे समय से ना रुक रहा हो तो इसके लिए मैमोग्राफी, बायोप्सी एवं एफएनएसी जांच कराकर इसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए कि कहीं वह कैंसर तो नहीं है।

कार्यक्रम में आरोग्यधाम के संस्थापक 80 वर्षीय श्री आरआर मोहन ने लोगों को बताया कि वे स्वयं 2 बार होम्योपैथिक दवा एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी पर विजय प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 12 साल पहले उन्हें *दाहिने पायरीफॉर्म फॉसा (वोकल कॉर्ड) का कैंसर हुआ था जिसमें उन्होंने टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट मुंबई एवं होम्योपैथिक दवाओं से एवं 1 साल पहले राइट बक्कल कैविटी का कैंसर होने पर इंदिरा गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट दिल्ली की दवाओं के साथ होम्योपैथिक दवाओं का सेवन किया एवं कैंसर पर पूर्ण विजय प्राप्त की है श्री आरआर मोहन ने लोगों को हिम्मत ना हारने की सलाह दी।


*आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक *डॉ हेमंत मोहन व डॉ आरती मोहन* ने होम्योपैथिक दवाइयां कार्सिनोसिन, हाइड्रेस्टिस, चेलिडोनियम, सोराइनम, यूफॉरबिनम, कोनियम आदि दवाइयां लक्षणों के आधार पर कैंसर के उपचार हेतु अत्यधिक कारगर सिद्ध हुई है।कार्यक्रम में मनीष भल्ला, ईशान गुप्ता, हर्षित त्रिपाठी, सिराज आलम, कशिश गुप्ता, श्रुति, राजेश शुक्ला, अशोक मोहन समेत 40 से अधिक संख्या में मरीजों को कैंसर जागरूकता किया।

Anuj Tiwari

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