उन्नाव:- सभी पीड़ित अनुसूचित जाति के हैं, बोला “दलितों को अपनी कलम से आवास नहीं दिलवाऊँगा”,ग्रामीणों का आरोप सर्वे के नाम पर तीन तीन हज़ार रुपए वसूले!

उन्नाव से जिला संवाददाता अनुज तिवारी
रिश्वतखोर सचिव प्रमोद कुमार योगी सरकार के मंसूबों पर लगा रहा पलीता। ग्रामीणों का आरोप सर्वे के नाम पर तीन तीन हज़ार रुपए वसूले। रिश्वत लेने के बाद भी नहीं किया काम। सभी पीड़ित अनुसूचित जाति के हैं। बोला दलितों को अपनी कलम से आवास नहीं दिलवाऊँगा। सूबे की योगी सरकार को दे रहा खुली चुनौती। बोला विधायक मंत्री सब मेरी जेब में। घटना से ग्रामीणों एवं प्रधानों में आक्रोश।

यूँ तो देश आगामी १४ अप्रैल को महान दलित चिंतक/समाज सुधारक एवं संविधान शिल्पी बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी की १३४ वीं जयंती मनाने जा रहे हैं। संविधान लागू हुए ७५ वर्ष बीत चुके हैं। हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सरकारें दलित-उत्थान के लिए विभिन्न नवीन योजनाएँ लागू कर रही हैं। लेकिन विडंबना देखिए केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद कुछ रिश्वतखोर अधिकारी ऐसे भी हैं जो अपनी काली करतूतों से अमृत काल के सफेद पन्नो पर काली स्याही पोतने का काम कर रहे हैं। ताज़ा मामला उन्नाव जनपद की विकास खंड गंज मुरादाबाद का है। जहाँ पर तैनात महाभ्रष्ट ग्राम पंचायत सेक्रेटरी प्रमोद कुमार ने योगी सरकार को सीधी चुनौती दे डाली है।जहाँ एक तरफ़ योगी सरकार में भ्रष्ट और बेईमान अधिकारी थर-थर काँपते हैं, वहीं उन्नाव जनपद की विकास खंड गंज मुरादाबाद में ग्राम पंचायत सचिव के पद पर तैनात प्रमोद कुमार सूबे के मुखिया को खुली चुनौती दे रहा है। उसकी करतूते मानो प्रदेश सरकार को मुँह चिढ़ाते हुए कह रही हैं की योगी बाबा प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की जितनी भी कोशिशें करलें, सचिव प्रमोद कुमार और उस जैसे अन्य अधिकारी योगी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते ही रहेंगे। दरअसल पूरा मामला कुछ इस तरह है कि सचिव प्रमोद कुमार को ग्राम पंचायत आशायस में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र लाभार्थियों के आवासों के सर्वे कार्य का दायित्व सौंपा गया है। होली के पूर्व सचिव प्रमोद कुमार आवासों का सर्वे करने ग्राम पंचायत आशायस गए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव प्रमोद ने आवासो के सर्वे के नाम पर तीन तीन हज़ार रुपये की उगाही की है। ग्रामीण कालिका ने बताया कि उसके पास रहने को घर नहीं है वो सचिव प्रमोद कुमार के पास अपनी फरियाद ले के गया और उनसे अपने आवास का सर्वे करने की प्रार्थना की। इस पर प्रमोद कुमार ने कहा कि तीन हज़ार रुपए लेके आओ तभी सर्वे करूँगा। अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले गरीब कालिका ने किसी तरह तीन हज़ार रुपये व्यवस्था करके, उधार व्यवहार माँग के सचिव प्रमोद कुमार को दिए। लेकिन पैसे लेके भी प्रमोद ने उसे टरका दिया। किस्सा यही खत्म नहीं होता, ठीक इसी तरह की कहानी सोनेलाल और अमर सिंह की भी हैं। इन लोगों से भी सचिव प्रमोद कुमार ने सर्वे करने के नाम पर तीन, तीन हज़ार रुपए की उगाही की लेकिन सर्वे किसी का नहीं किया। काफ़ी दिन इंतज़ार करने के बाद जब इन तीनो ग्रामीणों का कोई काम नहीं हुआ।तो ये सभी पीड़ित विगत ११ अप्रैल २०२५ को खण्ड विकास कार्यालय गंज मुरादाबाद पहुंचे। पीड़ितों के अनुसार उन्हें गेट पर ही सचिव प्रमोद कुमार दिख गए और इन सब से पूछा यहाँ क्यों आए हो ? इस पर कालिका ने जवाब दिया कि साहब आपने जितने पैसे हमसे मांगे हमने दे दिए हैं, लेकिन अभी तक आपने सर्वे नहीं किया है। इसलिए हम लोग यहाँ आए हैं कि हमारा सर्वे कर दीजिए वरना पैसे वापस कर दीजिए। ग्रामीणों का आरोप है इतना कहने भर से सचिव साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्होंने जूता निकाल के सभी को जातिसूचक गालिया देते हुए कहा कि भाग जाओं यहाँ से तुमको ना आवास मिलेगा ना पैसे वापस। पैसे मैंने ज़िले पर दे दिए। इस दौरान आशायस के प्रधान प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार भी वहाँ आ गए, अपने गाँव के लोगों को देख उन्होंने बीच बचाव करने का प्रयास किया लेकिन महाभ्रष्ट, दबंग और गुंडा प्रवृत्ति के सचिव प्रमोद कुमार ने अपने पद की गरिमा और नैतिकता को ताक पर रखकर उन्हें भी जूता लेके दौड़ा लिया। पीड़ितों का आरोप यह भी है कि सचिव प्रमोद कुमार अपने झोले में अवैध असलहा लेके भी चलता है। उसने झगड़े के दौरान ग्रामीणों से कहा भी कि तुम जैसे शूद्रों को सुधारने के लिए हमेशा असलहा बैग में लेकर चलता हूँ। ज़्यादा नेतागिरी करोगे तो यहीं ठोक दूँगा। विधायक और मंत्री सब मेरी जेब में हैं तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।

अब सवाल यह उठता है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को किसकी शह प्राप्त है जिसके बल पर ये आम जनता का काम करने के बजाय उन्हें गोली से उड़ाने की धमकी दे रहा है? सवाल ये भी उठता है कि सरकार की छवि धूमिल करने वाले इस भ्रष्टाचारी सचिव पर कोई ठोस कार्यवाही होगी भी या नहीं? ज़ीरो टॉलरेंस का नारा देने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस रिश्वतखोर सचिव प्रमोद कुमार को कब तक टॉलरेट करेगी? या फिर इसे ऐसे ही खुल्ला छोड़ दिया जाएगा आम जनता को जूतों से मारने या फिर गोली से उड़ाने के लिए। घटना से ग्रामीणों के साथ ही विकास खंड के सभी ग्राम प्रधान भी आक्रोशित हैं। शिकायती प्रार्थना पत्र संबंधित थाना कोतवाली के साथ ही खंड विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी उन्नाव एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भी प्रेषित किया जा चुका है। कार्यवाही ना होने की दशा में ग्राम प्रधानो द्वारा सामूहिक ज्ञापन देने और धरना प्रदर्शन की भी बात कही गई है।